Why this problem of Turkey is increasing the concern of President Ardoan before the election 03/02/2023
Bharat

तुर्की की ये समस्या चुनाव से पहले राष्ट्रपति अर्दोआन की चिंता क्यों बढ़ा रही है

"मैं बीते साल तक 4500 लीरा (240 डॉलर) अपने घर का किराया दे रही थी, लेकिन मेरे मकान मालिक ने कहा कि उन्हें किराया बढ़ाना है, मैंने रक़म दोगुनी कर दी, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझसे घर खाली करने को कहा."

Sunil Shukla

सेदा तुर्की के उन तमाम लोगों में से एक हैं जिन पर देश में बढ़ती मंहगाई की मार पड़ रही है. तुर्की में आधिकारिक रूप से महंगाई की दर इस समय 64 फ़ीसदी से भी ज़्यादा है.

बढ़ती महंगाई और आर्थिक झटके झेल रही तुर्की में राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने 14 मई को चुनाव का एलान किया है. 20 साल से सत्ता के शीर्ष पर बने रहने वाले अर्दोआन को उम्मीद है कि वह फिर तुर्की के नेता चुने जाएंगे.

देश में संसदीय चुनाव और राष्ट्रपति पद के चुनाव एक साथ होंगे और माना जा रहा है कि मामला टक्कर का होगा.

सेदा अपने लिए नए फ़्लैट की तलाश में हैं और यहां किराया 30,000 लीरा तक पहुंच चुका है, लेकिन सेदा की कमाई इस हिसाब से नहीं बढ़ी है. वह कहती हैं, "मैं ख़ुद को काफ़ी कमज़ोर पाती हूं, जैसे मैं एक जंगल में हूं और जीवित रहने की कोशिश कर रही हूं."

अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की उम्मीद में राष्ट्रपति अर्दोआन ने रिकॉर्ड सार्वजनिक खर्चों की घोषणा की है. उनकी योजना में बिजली सब्सिडी, न्यूनतम वेतन को दोगुना करना और पेंशन को बढ़ाना शामिल है. तुर्की में लगभग 20 लाख लोग जल्द ही रिटायर होने वाले हैं.

लेकिन इस्तांबुल की सड़कों पर राशन की खरीदारी करते एक बुज़ुर्ग अर्दोआन के इस एलान से प्रभावित नहीं दिखे.

वह कहते हैं, "हम इस साल अचानक ग़रीब हो गए हैं. मुझे लगता है कि बाज़ार में हम जो मंहगाई महसूस कर रहे हैं वह 600 फ़ीसदी है, लेकिन पेंशन में बढ़ोतरी केवल 30% है."

कुछ विश्लेषकों का तर्क है कि समय से पहले चुनाव की तारीख़ तय करने से राष्ट्रपति अर्दोआन को सरकार की तरफ़ से दी गई आर्थिक मदद को भुनाने में मदद मिल सकती है.

हालांकि ग्लोबल पार्टनर्स के तुर्की कंसल्टेंट अतिल येसिल्दा का मानना है कि जिस गति से मंहगाई बढ़ रही है, ऐसे में इन सब्सिडीज़ का कोई फ़ायदा नहीं होगा.

वह कहते हैं, "जब तक एक और बार वेतन और पेंशन बढ़ाया नहीं जाता, मतदाताओं को अभी जो फ़ायदा होगा वो तेज़ी से ख़त्म हो जाएगा."

राष्ट्रपति ओर्दोआन का मुख्य विपक्ष मध्यमार्गी-वामपंथी और दक्षिणपंथी दलों का गठबंधन है जिसे टेबल ऑफ़ सिक्स कहा जाता है.

विपक्षी दलों ने संकल्प किया है कि सत्ता में आने पर वे अर्दोआन की आर्थिक नीतियों को बदल देंगे, सख़्त मॉनेटरी पॉलिसी लागू करेंगे और केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता बहाल करेंगे. हालांकि अब तक विपक्ष ने राष्ट्रपति पद का कोई चेहरा तय नहीं किया है.

विपक्ष 13 फ़रवरी को राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का एलान करेगा और माना जा रहा है कि रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के केमाल क्लिचदरुलु को विपक्ष अपना चेहरा बना सकता है.

इसके अलावा इस्तांबुल के मेयर इकरेम इमामोग्लू के नाम की भी चर्चा है.

पिछले महीने एक अदालत ने कथित तौर पर चुनावी अधिकारियों का अपमान करने के लिए मेयर इमामोग्लू को राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें लगभग तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई. हालंकि उनका कहना है कि ये केस राजनीतिक रूप से प्रेरित था. वह अभी भी पद पर हैं और उन्होंने इस केस के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल की है.

थिंक टैंक वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट के सोनर केगाप्टे का मानना है कि इस्तांबुल के मेयर को राजनीति से दूर करने की कोशिश अर्दोआन के लिए उल्टी पड़ सकती है.

वह कहते हैं कि 1990 के दशक में राष्ट्रपति अर्दोआन ख़ुद भी इसी तरह की स्थिति में थे, वो इस्तांबुल के एक लोकप्रिय और सफल मेयर थे जिन्हें तुर्की की धर्मनिरपेक्ष अदालतों ने राजनीति में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था.

केगाप्टे कहते हैं, "इस क़दम ने अर्दोआन को शहीद और नायक का दर्जा दिला दिया और उन्होंने सत्ता में शानदार वापसी की."

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचडीपी) एक कुर्द समर्थक पार्टी है. जनवरी में तुर्की की शीर्ष अदालत ने इसकी सरकारी फ़ंडिंग रोक दी गई थी और संभव है कि कुर्द उग्रवादियों से कथित संबंधों के आरोपों में इसे प्रतिबंधित भी किया जा सकता था.

एचडीपी के पूर्व नेता सेलहतिन डेमिरतस साल 2016 से "आतंकवाद के प्रचार" करने के मामले में जेल में बंद हैं.

पार्टी के वाइस चेयरमैन हिसयार ओज़सॉय मानते हैं कि अधिकारी उन्हें भी बंद कर सकते हैं, लेकिन उनका कहना है कि इससे उनकी पार्टी या उनका समर्थन करने वाले लोग नहीं रुकेंगे.

वह कहते हैं, "यहां तक कि अगर पार्टी को प्रतिबंधित किया जाता है, तो हमारे लोग कुछ अन्य राजनीतिक दलों के ज़रिए चुनाव में शामिल होने के तरीके खोज लेंगे."

अर्दोआन तीसर बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे?

अगर राष्ट्रपति पद का चुनाव दूसरे दौर में चला जाता है तो ये भी हो सकता है कि एचडीपी एक निर्णायक भूमिका में आ जाए.

अभी तक किसी ने भी आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पेश नहीं की है. यहां तक कि अर्दोआन ने भी अभी अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है. इस बात पर बहस ये भी चल रही है कि क्या अर्दोआन को फिर चुनाव लड़ने देना चाहिए क्योंकि वह पहले ही दो बार निर्वाचित हो चुके हैं जो देश में चुनाव लड़ने की अधिकतम सीमा है.

तुर्की के संविधान के अनुच्छेद 101 में कहा गया है कि 'एक व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति चुना जा सकता है."

हालांकि केगाप्टे कहते हैं कि अगर अर्दोआन चुनाव लड़ना चाहेंगे तो वह चुनाव लड़ेंगे.

वह कहते हैं, "उनकी छवि ये है कि वह अभिजात्य वर्ग से लड़ने वाले अंडरडॉग हैं, अगर कोई सामने आए और कहे कि उन्हें एक और बार चुनाव लड़ने की इजाज़त नहीं है तो यह फ़ैक्टर वास्तव में उन्हें बहुत मदद कर सकता है."

आगामी चुनावों में बहुत कुछ दांव पर लगा है, विपक्षी यह तर्क दे रहे हैं कि उनका गठबंधन बढ़ती निरंकुशता और घटते लोकतंत्र के बीच एक विकल्प होगा.

सत्तारूढ़ एकेपी का कहना है कि सिर्फ़ उनकी सरकार ही मंहगाई को घटा कर लोगों का जीवन स्तर बेहतर कर सकती है.

साल 2003 से अर्दोआन देश का नेत़त्व कर रहे हैं. पहले प्रधानमंत्री के रूप में और बाद में राष्ट्रपति के रूप में. लेकिन अब जबकि देश में अर्थव्यवस्था का संकट बढ़ता जा रहा है, वोट ये तय करेगा कि अर्दोआन का शासन तीसरे दशक में जारी रहेगा या नहीं.

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