दीपावली आज:राजयोग में लक्ष्मी पूजा का पहला मुहूर्त शाम 5 बजे से; जानें पूजन की विधि, आरती और ध्यान रखने वाली बातें

आज दीपावली पर दिन में पूजा के मुहूर्त नहीं है। शाम 5 बजे के बाद से ही लक्ष्मी पूजा की जा सकेगी। क्योंकि कार्तिक अमावस्या शाम को शुरू होगी और अगले दिन शाम 5 बजे तक रहेगी। लेकिन 25 को सूर्य ग्रहण रहेगा। इसलिए लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त शाम और रात में ही रहेंगे।
दीपावली आज:राजयोग में लक्ष्मी पूजा का पहला मुहूर्त शाम 5 बजे से; जानें पूजन की विधि, आरती और ध्यान रखने वाली बातें

Diwali 2022 Laxhmi Pujan Vidhi Shubh Muhurat Mantra In Hindi: आज दीपोत्सव का महापर्व दिवाली मनाई जा रही है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और पांचवें दिन गोवर्धन पूजा होती है। दिवाली पर कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ विध्नहर्ता भगवान गणेश,देवी सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा होती है। स्कंद, पद्म और भविष्य पुराण में दीपावली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। एक कथा के मुताबिक महाराज पृथु ने पृथ्वी दोहन कर देश को धन और धान्य स‌े समृद्ध बनाया। इसलिए दीपावली मनाते हैं। श्रीमद्भागवत और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक समुद्र मंथन से कार्तिक महीने की अमावस्या पर लक्ष्मी प्रकट हुई थीं।

मार्कंडेय पुराण का कहना है कि जब धरती पर सिर्फ अंधेरा था तब एक तेज प्रकाश के साथ कमल पर बैठी देवी प्रकट हुईं। वो लक्ष्मी थीं। उनके प्रकाश से ही संसार बना। इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा की परंपरा हैं। वहीं, श्रीराम के अयोध्या लौटने के स्वागत में दीपावली मनाने की परंपरा है।

पुराणों में है सजावट और दीपक लगाने की बात

स्कंद और पद्म पुराण के अनुसार इस दिन दीपदान करना चाहिए। इससे पाप खत्म हो जाते हैं। ब्रह्म पुराण कहता है कि कार्तिक अमावस्या की आधी रात में लक्ष्मी अच्छे लोगों के घर आती हैं। इसलिए घर को साफ और सजाकर दीपावली मनाने की परंपरा है। इससे लक्ष्मी खुश होती हैं और लंबे समय तक घर में रहती हैं।

दिवाली पूजा ऐसे करें

1. पानी के लोटे में गंगाजल मिलाएं। वो पानी कुशा या फूल से खुद पर छिड़कर पवित्र हो जाएं।
2. पूजा में शामिल लोगों को और खुद को तिलक लगाकर पूजा शुरू करें।
3. पहले गणेश, फिर कलश उसके बाद स्थापित सभी देवी-देवता और आखिरी में लक्ष्मी पूजा करें।

गणेश पूजा की सरल विधि

ॐ गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए गणेश जी को पानी और पंचामृत से नहलाएं। पूजन सामग्री चढ़ाएं। नैवेद्य लगाएं। धूप-दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाएं।

बहीखाता और सरस्वती पूजा

फूल-अक्षत लेकर सरस्वती का ध्यान कर के आह्वान करें। ऊँ सरस्वत्यै नम: बोलते हुए एक-एक कर के पूजन सामग्री देवी की मूर्ति पर चढ़ाएं। इसी मंत्र से पेन, पुस्तक और बहीखाता की पूजा करें। इसके बाद विष्णु पूजा करें।

विष्णु पूजा की विधि

मंत्र - ॐ विष्णवे नम:

भगवान विष्णु की मूर्ति को पहले पानी फिर पंचामृत से नहलाएं। शंख में पानी और दूध भर के अभिषेक करें। फिर कलावा, चंदन, अक्षत, अबीर, गुलाल और जनेऊ सहित पूजन सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद हार-फूल और नारियल चढ़ाएं। मिठाई और मौसमी फलों का नैवेद्य लगाएं। धूप-दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाकर प्रणाम करें।

दिवाली पर धन प्राप्ति के उपाय

दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाए करते हैं। इन उपायों में सबसे कारगर उपाय कौड़ी के की जाती है। दिवाली के दिन कौड़ियों के उपाय बहुत लाभकारी माने जाते हैं।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त पाठ करना शुभ

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।

अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।
आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

 तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इति समाप्ति ।।

दीपक पूजन

मंत्र - ॐ दीपावल्यै नम:

1. एक थाली में 11, 21 या उससे ज्यादा दीपक जलाकर लक्ष्मी जी के पास रखें।
2. फूल और कुछ पत्तियां हाथ में लें। साथ में पूजन सामग्री भी लें।
3. मंत्र बोलते हुए फूल पत्तियां चढ़ाते हुए दीपमालिकाओं की पूजा करें।
4. दीपक की पूजा कर संतरा, ईख और धान चढ़ाएं।
5. धान भगवान गणेश, महालक्ष्मी और सभी देवी-देवताओं को भी अर्पित करें।

दिवाली लक्ष्मी माता की आरती बिना अधूरी... ॐ जय लक्ष्मी माता... मैया जय लक्ष्मी माता

मां लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

उमा रमा ब्रह्माणी तुम ही जगमाता मैया तुम ही जगमाता
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता मैया सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता मैया तुम ही शुभदाता
कर्मप्रभाव प्रकाशिनी भवनिधि की त्राता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहती सब सद्गुण आता मैया सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता मन नहीं घबराता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता मैया वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव सब तुमसे आता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता
मैया सुन्दर क्षीरोदधि जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई नर गाता
मैया जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता पाप उतर जाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
।। मैया जय लक्ष्मी माता।।

लक्ष्मी जी के 8 अवतार और 8 रूप कौन-कौन से हैं।

  • महालक्ष्मी- जो वैकुंठलोक में वास करें

  • स्वर्गलक्ष्मी- जो स्वर्गलोक में वास करें

  • दक्षिणालक्ष्मी- जो यज्ञ में वास करें

  • गृहलक्ष्मी- जो गृह में वास करें

  • शोभालक्ष्मी- जो हर वस्तु में वास करें

  • रुक्मणी - जो गोलोक में वास करें

  • राधालक्ष्मी- जो गोलोक में वास करें

  • राजलक्ष्मी- जो पाताललोक में वास करें

  • धनलक्ष्मी

  • धान्यलक्ष्मी

  • आदिलक्ष्मी

  • गजलक्ष्मी

  • संतानलक्ष्मी

  • वीरलक्ष्मी

  • विजयलक्ष्मी

  •  विद्यालक्ष्मी

मां लक्ष्मी के प्रिय भोग

आज दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणपति की पूजा विधि-विधान के साथ की जाएगी। लक्ष्मी जी के प्रसन्न होने पर व्यक्ति धनी,समृद्धिशाली और संपन्न हो जाता है। आज दिवाली की शाम को प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान भोग में इन चीजों का जरूर अर्पित करें।

. मखाना
. सिंघाड़ा
. बताशा
. गन्ना
. खीर
. हलवा
. अनार
. पान
. केसर
. सफेद -पीली मिठाई

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Buy Website Traffic
logo
The Public Press Journal
publicpressjournal.com