इंदौर : नाइट कल्चर का युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव

इंदौर मध्य प्रदेश का बिजनेस हब कहा जाता है| इंदौर में सराफा जैसे बड़े बाजार रात में ही शुरू होते हैं | नाइट कल्चर के आदी में युवक युवती के द्वारा उत्पाद मचाने की शिकायत आती रहती है|रातो में घूमने वाले छात्र ज्यादातर दुसरे शहरो से है जो यहां हॉस्टल और पेइंग गेस्ट में रहते हैं|
इंदौर : नाइट कल्चर का युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव
इंदौर में सराफा जैसे बड़े बाजार रात में ही शुरू होते हैं

इंदौर मध्य प्रदेश का बिजनेस हब कहा जाता है| इंदौर में सराफा जैसे बड़े बाजार रात में ही शुरू होते हैं | नाइट कल्चर के आदी में युवक युवती के द्वारा उत्पाद मचाने की शिकायत आती रहती है|रातो में घूमने वाले छात्र ज्यादातर दुसरे शहरो से है जो यहां हॉस्टल और पेइंग गेस्ट में रहते हैं|

पेइंग गेस्ट और हॉस्टल में कोई जानकारी लेने वाला नहीं

इंदौर अब धीरे-धीरे बिजनेस हब से एजुकेशनल हब बनने की और बाद रहा है, ऐसे में यहां का नाइट कल्चर का कॉलेज और कोचिंग पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है| शहर में कॉलेज और कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र रात भर रोड पर बिना किसी डर के उत्तपाद मचाने की लगातार शिकायत आ रही है|

ये वही छात्र हैं जो दूसरे शहर से इंदौर में उच्च शिक्षा के लिए आते हैं और हॉस्टल या पेइंग गेस्ट में रहते हैं| युवक युवती पेइंग गेस्ट में रहना पसंद करते हैं जहां उन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है कि वे लोग रात में कहा और कितने समय जाते हैं| इनमे गीता भवन, राऊ, भंवरकुआं जैसे बड़े क्षेत्र जहां सबसे ज्यादा कोचिंग संस्थान है|

प्राइवेट पेइंग गेस्ट हाउस के लिए कोई गाइडलाइंस नहीं है

जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कॉलेज और कोचिंग संस्थान उन क्षेत्रों में खतरों की संख्या में पेइंग गेस्ट है जहां ना कोई प्रबंधक है नहीं कोई रात में निगरानी रखने वालानहीं है की पेइंग गेस्ट में रहने वाले स्टूडेंट रात भर कहा रहते है| महामारी के बाद क्षेत्रो और भी नए पेइंग गेस्ट खुल गए हैं,जिनके लिए ना ही तो कोई एजेंसी है और ना ही कोई दिशानिर्देश जारी किए गए है| हॉस्टल एसोसिएशन के मुताबिक किसी भी हॉस्टल में प्रबंधक, वार्डन, कुक, हाउस कीपिंग ये सब एजेंसियां रखना जरूरी है|

पैसे के लालच में हॉस्टल और पेइंग गेस्ट प्रबंधक युवतियो की सुरक्षा को  ताक पर रख देते हैं

 होस्टल संचालक को सत्र शुरू होते ही प्रबंधक और विद्यार्थियों की जानकारी संबंधित पुलिस थाने में सूचित करनी होती है| लेकिन पैसे बचाने के लालच में हॉस्टल और पेइंग गेस्ट प्रबंधक ये सारे नियमों का पालन नहीं करते या विद्यार्थी से मुह मांगी रकम लेकर उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं| हॉस्टल का किरया मिलने के बाद प्रबंधक स्टूडेंट्स की कोई भी जानकारी नहीं लेते इसी वजह से रात भर युवक युवती नशे की हालत में  सड़को पर उत्पाद मचाते है|

REPORT BY MANYA JAIN 

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