सचिन वसूली कांड : सचिन वाज़े का वसूली कांड पर एक और खुलासा

सचिन वसूली कांड : सचिन वाज़े का वसूली कांड पर एक और खुलासा

विस्तार:
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी कार खड़ी करने के मामले में एनआईए की गिरफ्त में आए सचिन वाजे ने भी पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह के आरोपों की पुष्टि कर दी है।

सूत्रों का कहना है कि मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) के पूर्व प्रमुख ने एनआईए की पूछताछ में बताया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उसे 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था। साथ ही, उसने एक अन्य हाई प्रोफाइल मंत्री का भी नाम इस मामले में लिया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में सचिन वाजे ने कहा है कि इस दूसरे हाई प्रोफाइल मंत्री ने भी बीते साल उसे वसूली का लक्ष्य दिया था। हालांकि सूत्रों ने यह नहीं बताया है कि वह दूसरा मंत्री कौन है।

उधर, भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि सचिन वाजे ने 1000 करोड़ रुपए का लेनदेन किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि साल 2020-2021 में वाजे गैंग ने एक हजार रुपए की वसूली की थी। वह पैसे कहां से वसूले और कहां गए, इसकी जांच एनआईए, ईडी, भारतीय रिजर्व बैंक, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी और आयकर विभाग को करनी चाहिए।

सोमैया ने कहा कि मैं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों से मिला था और उनसे वाजे की बेनामी संपत्ति की जांच करने की मांग की है।

पांच बैग का रहस्य पूछेगी एनआईए
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, वाजे ने दक्षिण मुंबई में 16 से 20 फरवरी के बीच फर्जी आधार कार्ड से एक फाइव स्टार होटल में कमरा बुक कराया था। यह कमरा 100 दिन के लिए बुक कराया गया था, लेकिन वाजे वहां 15 दिन ठहरा था।

इन 15 दिन के लिए 25 लाख रुपये के बिल का भुगतान मुंबई की ही एक हॉलीडे पैकेज कंपनी के मालिक ने किया था। होटल की सीसीटीवी फुटेज में वाजे अपने साथ पांच बड़े बैग लेकर आते दिखाई दिया है।

सूत्रों का कहना है कि एनआईए उन पांच बैग में मौजूद सामान का रहस्य भी वाजे से जानना चाहती है। साथ ही इस दौरान होटल में वाजे से मिलने के लिए कई बार आई एक महिला की भी एनआईए को तलाश है।
परमवीर का आरोप, सीबीआई जांच नहीं हुई तो नष्ट कर दिए जाएंगे सबूत
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी याचिका में इस मामले से जुड़े सबूत मिटाए जाने की शंका जताई। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया गया तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की गुहार लगाई थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने उन्हें इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से गुहार लगाने की बात कहकर याचिका खारिज कर दी।

अपनी  याचिका में परमवीर सिंह ने आरोप लगाया था कि गृहमंत्री देशमुख ने फरवरी 2021 में अपने निवास पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, समाज सेवा विभाग के एसीपी संजय पाटिल आदि के साथ बैठक की थी।

इस बैठक में दोनों पुलिस अधिकारियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया गया था। इन पुलिस अधिकारियों को होटल, बार सहित अन्य प्रतिष्ठानों व अन्य माध्यमों से यह रकम वसूलने का निर्देश दिया गया था।

अपना तबादला निरस्त करने की भी गुहार
परमवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाकर उनका तबादला होमगार्ड विभाग में किए जाने के आदेश को भी निरस्त करने की गुहार लगाई। सिंह का आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री को गृह मंत्री देशमुख के 'भ्रष्ट आचरण' की जानकारी दी थी, इसीलिए आनन-फानन में उनका तबादला मनमाने और गैरकानूनी तरीके से होमगार्ड विभाग में कर दिया गया।

कांग्रेस ने समिति के जरिये जांच की मांग की
 महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को राज्य की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की जांच किसी जज की अध्यक्षता वाली समिति से कराने की मांग की। एमवीए सरकार में कांग्रेस भी शिवसेना और एनसीपी के साथ हिस्सेदार है।

पटोले ने कहा, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने खुद परमवीर सिंह के 100 करोड़ रुपये वसूली के आरोपों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता मानी है। हम गठबंधन से इस मामले में किसी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाने की मांग करते हैं ताकि सबकुछ स्पष्ट हो सके। उन्होंने परमवीर सिंह के भी पुलिस आयुक्त रहने के दौरान की भूमिका संदिग्ध बताई।

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