नवी मुंबई | विवादों में घिरी पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेड़कर की मां मनोरा खेड़कर को नवी मुंबई की अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें अपहरण के मामले में अंतरिम जमानत (interim bail) दे दी है। अदालत के आदेश के मुताबिक, 13 अक्टूबर 2025 तक मनोरा खेड़कर की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।
मनोरा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने अपने वाहन चालकों और सुरक्षा गार्डों के साथ मिलकर एक सीमेंट मिक्सर ट्रक के क्लीनर का अपहरण किया और उसे पुणे स्थित अपने बंगले में ले जाकर बंद कर दिया।
यह मामला सितंबर 2024 का है, जब मुलुंड-ऐरोली रोड (नवी मुंबई) पर एक सीमेंट मिक्सर ट्रक का वाहन खेड़कर परिवार की SUV से हल्का टकरा गया।
आरोप है कि टक्कर के बाद, SUV में सवार लोगों ने ट्रक के क्लीनर को जबरन गाड़ी में बैठाया और उसे लेकर पुणे स्थित एक बंगले में पहुंचे, जो कथित तौर पर मनोरा खेड़कर के नाम पर है।
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर क्लीनर का पता लगाया और जब बंगले में प्रवेश की कोशिश की, तो मनोरा खेड़कर ने कथित रूप से गेट खोलने से इनकार कर दिया और सुरक्षा कुत्तों को पुलिस पर छोड़ दिया।
इस मामले में दो अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की गई है:
नवी मुंबई पुलिस: अपहरण की धाराओं (IPC 363, 365) में केस दर्ज।
पुणे पुलिस: सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज।
पुलिस ने इस केस में परिवार के बॉडीगार्ड प्रफुल सालुंखे को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
कई दिनों तक फरार रहने के बाद, मनोरा खेड़कर ने बेलापुर की अतिरिक्त जिला अदालत में अग्रिम जमानत (anticipatory bail) के लिए याचिका दायर की।
अदालत ने 13 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मंजूर की है और इस अवधि में पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया है। अदालत ने शर्त रखी है कि वे पूरी तरह से जांच में सहयोग करेंगी।
उनके वकील का कहना है कि मनोरा खेड़कर को झूठे आरोपों में फंसाया गया है और इस मामले में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।
पुलिस इस केस में तकनीकी साक्ष्य जैसे –
CCTV फुटेज,
वाहन की GPS लोकेशन,
मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स
का विश्लेषण कर रही है ताकि घटनाक्रम को साबित किया जा सके। पुलिस ने बताया कि क्लीनर के बयान में अपहरण की पुष्टि हुई है।
पूजा खेड़कर 2022 बैच की आईएएस प्रोबेशनर थीं, जिन्हें पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने नियमों के विपरीत VIP सुविधाओं (बीकन वाली गाड़ी, निजी ऑफिस, सरकारी बंगला) की मांग की थी।
राज्य सरकार ने उन्हें पुणे से वाशीम जिले में ट्रांसफर कर दिया।
बाद में केंद्र सरकार ने उनके OBC और दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच शुरू की।
विवाद बढ़ने पर उनकी आईएएस नियुक्ति अस्थायी रूप से रद्द कर दी गई।
विवरणस्थितिमनोरा खेड़करअपहरण मामले में अंतरिम जमानत (13 अक्टूबर तक)पूजा खेड़करजांच के अधीन, नियुक्ति रद्द, MAT में सुनवाई जारीपुलिस जांचतकनीकी साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैंअगली सुनवाई13 अक्टूबर 2025, बेलापुर जिला अदालत
पूजा खेड़कर और उनके परिवार पर लगातार विवादों ने आम जनता और प्रशासनिक हलकों में विशेषाधिकारों के दुरुपयोग को लेकर बहस छेड़ दी है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला प्रशासनिक आचार संहिता और UPSC चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है।
मनोरा खेड़कर को अंतरिम राहत जरूर मिल गई है, लेकिन पुलिस की जांच अभी जारी है। अदालत की अगली सुनवाई में यह तय होगा कि उन्हें स्थायी जमानत मिलती है या नहीं।
यह मामला न केवल कानूनी दायरे में बल्कि लोक सेवा में नैतिकता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर रहा है।
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