सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में लगतार प्रदर्शन  
Jharkhand

सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध चलते दूसरे मुनि ने त्यागे प्राण

समस्त भारत जैन समुदाय और राज्य सरकार के सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में लगतार प्रदर्शन कर रहे हैं शुक्रवार को भी एक जैन मुनि ने अमरण अनशन के चलते प्राण त्याग दिए|

Manya Jain

पिछले कुछ दिनों से अमरण अनशन पर थे मुनि

जैन समाज के प्रदर्शन के दौरन सागर जी जो कि एक जैन मुनि है वे कई दिनो से अमरण अनशन पर थे।जिसके कुछ दिनों बाद अपने प्राण त्याग दिए| जैन समुदाय की यही मांग है कि केंद्र सरकार सम्मेद शिखरजी को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित कर दे|

देश के कई बड़े राज्यों में हो रहा है विरोध प्रदर्शन

कुछ दिनों पहले ही श्री सुज्ञय सागर जी ने प्राण त्यागे 

जैन समाज के प्रदर्शन के दौरन सुज्ञय सागर जी सागर जी जो कि एक जैन मुनि है वे कई दिनो से अमरण अनशन पर थे।जिसके कुछ दिनों बाद अपने प्राण त्याग दिए| जैन समुदाय की यही मांग है कि केंद्र सरकार सम्मेद शिखरजी को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित कर दे|

श्री सुज्ञय सागर जी ने देह त्याग दिया

जैनों के लिए क्यों है शिखरजी महत्वपूर्ण

जैन शास्त्रों के अनुसार श्री सम्मेद शिखरजी से जैनों के 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष गए हैं। जो भी व्यक्ति इस तीर्थ की वंदना करता है तो नरक की प्राप्ति नहीं होती जैनों के लिए यह कि मिट्टी का कण-कण पावन है|जैन समाज इस 27 किलोमीटर ऊंचे पर्वत की वंदना बिना कुछ खाए पीये करते है| साथ ही सब लोग बिना चप्पल के पेदल यात्रा करते हैं|

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