Wires of Chhattisgarh liquor scam linked to Jharkhand: Liquor scam worth crores has happened in Jharkhand too? Jharkhand connection of Chhattisgarh liquor scamsters 27/05/2023
Bharat

छत्तीसगढ शराब घोटाले के तार झारखंड से जुड़े:झारखंड में भी करोड़ों का हुआ है शराब घोटाला ? छत्तीसगढ़ शराब घोटालेबाजों का झारखंड कनेक्शन

छत्तीसगढ़ में करोड़ों का शराब घोटाला हुआ है। अब झारखंड में शराब घोटाले का सिरा तलाश किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो ईडी अब झारखंड में शराब घोटाले की जांच करने की तैयारी में है। उसने कई अहम सबूत इकट्ठा कर लिए हैं और जल्द ही झारखंड में शराब घोटाले से बड़ा पर्दा हट सकता है।

Sunil Shukla

झारखंड में शराब घोटाला
छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखंड के उत्पाद विभाग ने झारखंड के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपए से अधिक का उत्पाद राजस्व का घाटा कराया है। विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कई मौकों पर हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगा चुके हैं। झारखंड में बड़े पैमाने पर शराब घोटाला हुआ है, सच क्या है अब इसकी जांच होने की संभावना है।

कौन है मुख्य आरोपी, झारखंड से कैसे जुड़ रहे हैं तार
झारखंड में नयी शराब नीति का सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना है। उस पर आरोप है कि वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ की राज्य की सहमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बना था। नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए उसे अपने मूल विभाग व छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना आवश्यक था। उस पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं जिसमें एक फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है। जिन तीन कंपनियों को छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में नाम सामने आ रहा है। झारखंड की शराब नीति में भी उनका सीधा हस्तक्षेप है।

घोटाले के कई गंभीर आरोप
झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति को झारखंड में लागू किया था ऐसे में सवाल है कि जब वहां बड़ा घोटाला सामने आ गया है तो जांच झारखंड में भी संभव है। अरुण पति त्रिपाठी इस वक्त ईडी की हिरासत में हैं और उनसे सघन पूछताछ की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि झारखंड में शराब घोटाला का बड़ा राज भी उनसे जुड़ा है। शराब बिक्री को लेकर कमीशन का भी गंभीर आरोप लगा है जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपए वसूलने की बात सामने आयी है।

पत्नी के नाम पर फर्जी कंपनी, करोड़ों का घोटाला
ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि साल 2021 में अपनी पत्नी के नाम पर एक आइटी कंपनी बनायी. इस कंपनी को ‘प्रिज्म होलोग्राफी एंड फिल्म्स प्रालि’ को भारी कीमत पर बेच दिया। एक पेटी की बिक्री पर शराब सिंडिकेट को 2320 रुपये की अवैध कमाई होती थी। साथ ही नकली होलोग्राम लगा कर प्रतिमाह औसतन 200 ट्रक देसी शराब की बिक्री हो रही थी जो बाद में 400 ट्रक तक हो गयी थी।

बाबूलाल मरांडी उठाते रहे हैं सवाल
बाबूलाल मरांडी ने कई बार शराब घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया है। बाबूलाल ने कहा,झारखंड में शराब घोटाला एक बड़ा भ्रष्टाचार के रूप में सामने आया है। हमने इस संदर्भ में कई बार मुख्यमंत्री को पत्राचार किया बावजूद सरकार कुंभकर्णी निंद्रा में सोई रही। मैंने 18 और 19 अप्रैल 2022 को लगातार दो पत्र लिखकर सरकार को आगाह किया।

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