बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट कर 2024 में नरेंद्र मोदी को चुनौती देने का फार्मूला बना रहें हैं तो तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव उस फार्मूले को निष्क्रिय करने में लगे हैं। 400 गाड़ियों के काफिले के साथ केसीआर कल से महाराष्ट्र में डेरा डाले हैं। केसीआर का महाराष्ट्र प्लान देखकर महा विकास अघाड़ी यानि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना उद्घव गुट की नींद उड़ गई है। दरअसल किसान और दलितों को केंद्र में रखकर केसीआर मराठवाड़ा और विदर्भ में अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ा रहे हैं जो कि एमवीए का परंपरागत वोटर है।
भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष केसीआर भले ही प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हों लेकिन फिलहाल उनकी नज़र पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के साथ -साथ तेलंगाना बचाने पर भी है। दरअसल तेलंगाना में कांग्रेस का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है, बीआरएस के 35 नेता सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, इसलिए कांग्रेस को घेरने के लिए अब तेलंगाना के सीएम केसीआर ने महाराष्ट्र प्लान बनाया है। सूत्रों के मुताबिक़ केसीआर महाराष्ट्र में 15 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं, उनका पूरा फोकस दलित और किसान हैं जो कि ज्यादातर महाविकास आघाड़ी को वोट करता है। इसलिए केसीआर सिर्फ मराठवाडा और विदर्भ पर ही जोर दे रहे हैं!
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र अहवाड ने केसीआर पर हमला बोला है और कहा है कि महाराष्ट्र की जनता इतनी मूर्ख नहीं है। अपने बेटे को दामाद और कैबिनेट मंत्रियों के 400 गाड़ियों का काफिला लेकर आओगे और महाराष्ट्र की जनता आपका स्वागत करेगी,सभी को पता है किसान किसके वोटर हैं आज दलित लीडर की जगह महाराष्ट्र में खाली है तो वो देखना चाहता है कि क्या मैं 2 -4 परसेंट वोट खींच सकता हूं क्या ? लेकिन महाराष्ट्र का दलित समझदार है आज का दलित पढ़ा लिखा है और एक हो चुका है।
दरअसल महाराष्ट्र में हर साल 2000 से अधिक किसान आत्महत्या करते हैं जिसमें सबसे अधिक आत्महत्या करने वाले किसान मराठवाड़ा इलाके से हैं यही कारण है कि मराठवाड़ा में इंट्री से पहले केसीआर ने अपने अनाज के व्यापारियों को खुली छूट दी थी कि अच्छे दाम पर किसानों से अनाज खरीदें। इतना ही नहीं तेलांगना के व्यापारियों ने प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव से भी प्याज की खूब खरीददारी की और चूंकि साउथ के बाजारों में प्याज महंगा है इसलिए थोड़ा किसानों को मुनाफा भी हुआ ,यही कारण है कि केसीआर बार -बार किसानों को तेलंगाना मॉडल दिखा रहे हैं।
संजय राऊत ने केसीआर पर बड़ा हमला किया है और कहा है कि तेलंगाना के सीएम केसीआर का महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर केसीआर इसी तरह ड्रामा करेंगे तो वह तेलंगाना भी खो देंगे. नुकसान के डर से वह महाराष्ट्र आ गए लेकिन उनके 12-13 मंत्री/सांसद कल कांग्रेस में शामिल हो गए। यह केसीआर और कांग्रेस के बीच की लड़ाई है। महाराष्ट्र में एमवीए मजबूत है।
इससे पहले केसीआर ने कहा था कि देश में 2024 में अगली सरकार बीआरएस पार्टी की बनेगी। महाराष्ट्र से मुझे भारी समर्थन मिल रहा है, जिस मराठवाड़ा में केसीआर जोर लगा रहे हैं उस मराठवाड़ा में 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 4 और शिवसेना को 3 सीटें मिली थीं जबकि एक सीट अन्य के खाते में गई थी। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान मराठवाड़ा रीजन में भाजपा को 16, शिवसेना को 12, एनसीपी को 8 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं। दो सीटें अन्य के खाते में गई थी।
केसीआर पहले हैदराबाद से अपने काफिले के साथ उस्मानाबाद पहुंचे इसके बाद सोलापुर के एक गांव में कार्यक्रम में हिस्सा लिया। आज पंढरपुर के भगवान विट्ठल मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे, इस दौरान वो तुलजापुर भी जाएंगे।
The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.
happy to Help 9920654232@upi