SP's emphasis on Ghosi: Akhilesh engaged in giving a befitting reply to Rajbhar, not BJP 28/08/2023
Bharat

घोसी में सपा का जोर लगा के हईशा:BJP को नहीं बल्कि राजभर को करारा जवाब देने में जुटे अखिलेश, खुद संभालेंगे घोसी में कमान

Sunil Shukla

2017 के विधानसभा चुनाव हों, 2019 के लोकसभा चुनाव या फिर 2022 के विधानसभा चुनाव। इसके बाद जीतने भी उपचुनाव हुए। उनमें मैनपुरी को छोड़कर यादव कुनबा कभी इतनी मजबूती से नहीं उतरा।

यहां तक कि जब परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ में लोकसभा का उपचुनाव लड़ रहे थे, तब भी अखिलेश यादव वहां प्रचार के लिए नहीं पहुंचे थे। अब जब बात घोसी की है तो खुद अखिलेश यादव वहां जाकर पार्टी की उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने वाले हैं। दरअसल, इसके जरिए अखिलेश यादव कई सियासी संदेश देना चाहते हैं।

अपनी खास रिपोर्ट में हम यही बताएंगे कि आखिर अखिलेश यादव की इस बदली हुई रणनीति के पीछे सबसे बड़ा मकसद क्या है, आखिर किसे अपनी ताकत का एहसास कराना चाहते हैं। किसे देना चाहते हैं करारा जवाब...

शिवपाल, रामगोपाल के बाद अखिलेश भी जाएंगे घोसी
घोसी में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही शिवपाल यादव लगातार वहां एक्टिव नजर आ रहे हैं। अब तक दो बार घोसी का दौरा कर चुके हैं। वहीं डेरा डाले हैं। पार्टी के कील कांटे दुरुस्त कर रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव के चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी घोसी में ही डेरा डाला है। बीते 6 वर्षों में ऐसा मौका बेहद कम आया है जब अखिलेश यादव के दोनों चाचा कहीं चुनाव की कमान एक साथ संभाल रहे हैं।

2017 में भी ये तस्वीर नहीं दिखी थी, 2019 में तो शिवपाल यादव ने ही रामगोपाल यादव के बेटे को फिरोजाबाद में चुनाव हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। 2022 में भी एक-दूसरे के खिलाफ तल्खी बरकरार थी। हालांकि दिसंबर 2022 में मैनपुरी में जब डिंपल यादव उपचुनाव में उतरी तब जरूर अखिलेश यादव के दोनों चाचा एक साथ वहां चुनाव की कमान संभाले थे। लेकिन मैनपुरी समाजवादी पार्टी का अपना गढ़ रहा है और वो सीट भी नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी। इसीलिए वहां समाजवादी पार्टी के साथ-साथ दोनों चाचाओं की भी प्रतिष्ठा दांव पर थी।

इसलिए सब की मेहनत का ही परिणाम रहा कि डिंपल यादव ने वहां रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। लेकिन, अब घोसी को भी सपा की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया गया है। शायद इसीलिए दोनों चाचा सारी तकरार भुलाकर भतीजे अखिलेश यादव को विजयी भव बनाने के लिए घोसी में ही डेरा डाले हैं। खुद अखिलेश यादव घोसी उपचुनाव में प्रचार करने के लिए जाने वाले हैं।

2022 के बाद यूपी में अब तक कुल 8 उपचुनाव हुए हैं, ज्यादातर से अखिलेश ने बनाई है दूरी
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए घोसी की सीट कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव खुद 29 अगस्त को इस सीट पर प्रचार करने के लिए जाएंगे। ये अलग बात है कि अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद आठ उपचुनाव हुए, उनमें मैनपुरी को अगर छोड़ दिया जाए तो केवल एक दिन रामपुर के उपचुनाव में जाकर प्रचार किया था।

तीन लोकसभा उपचुनाव, एक पर अखिलेश ने किया प्रचार
2022 के विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक लोकसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव हुआ है। विधानसभा की 5 सीटों पर। लोकसभा उपचुनाव की अगर बात करें तो मैनपुरी में डिंपल यादव उम्मीदवार थीं तो अखिलेश यादव ने यहां प्रचार किया।

आजमगढ़ में उनके भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव मैदान में थे। लेकिन, अखिलेश ने प्रचार नहीं किया। सपा की यहां हार हुई। वहीं रामपुर लोकसभा सीट पर भी हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव नहीं गए थे। यह सीट भी सपा को गंवानी पड़ी।

5 विधानसभा उपचुनाव, एक पर अखिलेश ने किया प्रचार
इसी तरह विधानसभा के उपचुनाव की अगर बात करें तो अखिलेश यादव गोला उपचुनाव में भी प्रचार के लिए नहीं गए। अखिलेश खतौली के उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं गए। अखिलेश स्वार और छानबे उपचुनाव में भी प्रचार के लिए नहीं गए।

अखिलेश यादव जरूर रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एक दिन प्रचार के लिए गए थे, लेकिन उस सीट पर भी समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। वह सीट 4 दशकों के बाद बीजेपी जीत सकी। लेकिन, घोसी 2024 के आम चुनाव से पहले संदेश देने का एक बड़ा मौका है। अखिलेश यादव इसे छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए चाचाओं के साथ भतीजा भी अब चुनाव मैदान उतरने वाला है।

बीजेपी नहीं ओम प्रकाश राजभर को करारा जवाब देना चाहते हैं अखिलेश
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में घोसी सीट पर सपा के उस वक्त उम्मीदवार रहे दारा सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सबसे बेहतर परफॉर्म पूर्वांचल में ही किया था। अगर मऊ जिले की बात करें तो यहां की चार विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी ने अपने गठबंधन के सहयोगी के साथ मिलकर तीन सीटों पर जीत हासिल की थी।

आजमगढ़ की बात करें तो यहां की 10 की 10 विधानसभा सीटों पर सपा की ही साइकिल दौड़ी थी। वहीं अगर गाजीपुर की बात करें तो 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने सहयोगी दल के साथ मिलकर सभी 7 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी। जबकि बलिया में भी समाजवादी पार्टी ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर सात में से चार सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन, ज्यादातर सीटों पर मिली इस जीत का क्रेडिट ओपी राजभर ने ले लिया था।

ओपी राजभर ने हर जगह हर मंच पर यह बात कही कि समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में इतनी सीट इसलिए मिली, क्योंकि उनका गठबंधन सुभासपा के साथ था। हालांकि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पूर्वांचल पहले से ही समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है। अब जब ओपी राजभर समाजवादी पार्टी से अलग होकर फिर से बीजेपी के साथ जा चुके हैं और लगातार जिस तरह से वह अखिलेश यादव पर हमले बोल रहे हैं, यही वजह है कि अब अखिलेश यादव घोसी सीट को जीतकर ओपी राजभर को करारा जवाब देना चाहते हैं।

अखिलेश यादव ने इसीलिए इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। क्योंकि उन्हें पता है अगर इस सीट पर उन्होंने उपचुनाव में जीत हासिल कर ली तो कहीं ना कहीं यह एक तरह से ओपी राजभर का जो बड़बोलापन है उसकी हकीकत खुद ब खुद सबके सामने आ जायेगी। इस इतना ही नहीं अखिलेश यादव इस सीट पर बीजेपी से ज्यादा सबक अगर किसी को सीखना चाहते हैं तो वह है ओपी राजभर।

इस सीट पर समाजवादी पार्टी का 2022 में भी कब्जा था और अब उपचुनाव में भी सपा ने अपनी पूरी फौज इस सीट पर प्रचार में लगा दी। इसका मकसद भले ही बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को हराना हो लेकिन सियासी संदेश अखिलेश यादव इस सीट पर सिर्फ और सिर्फ ओपी राजभर को देने में जुटे हैं । इसलिए भी ये सीट उनके लिए इतनी महत्वपूर्ण हो गयी है।

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Mumbai: National Medical Commission Reverses Decision to Discontinue CPS Courses After High Court Intervention

Navi Mumbai: Terna Medical College Under Scrutiny for Charging Excessive Deposit Fees

HUGE Mall Dream Bazaar looted by Pakistan locals immediately after Grand Inauguration.

Beware: Delhi Dating App Scams Now Spreading to Mumbai

Global Outcry Over RG Kar Hospital Rape and Murder Case