Updated:  20 मई, 2023
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Karnataka CM Oath-Taking Ceremony: सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ 8 विधायक भी ले सकते हैं शपथ

Karnataka CM Oath-Taking Ceremony: कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे सिद्धरमैया एवं डी.के. शिवकुमार ने शुक्रवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया

Sunil Shukla

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली जीत के ठीक एक सप्ताह बाद सिद्धारमैया आज दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. उनके साथ डी.के. शिवकुमार उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. इसके अलावा भी कई नेताओं के शपथ लेने की खबर आ रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार के साथ राज्य में कांग्रेस के आठ वरिष्ठ नेता शनिवार को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. पार्टी सूत्रों ने कहा कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ जो प्रमुख नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, उनमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, लिंगायत नेता एम बी पाटिल और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन कार्जुन खरगे के पुत्र प्रियांक खरगे शामिल हैं. परमेश्वर और प्रियांक दलित समुदाय से आते हैं.

कांग्रेस पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इनके अलावा, पार्टी के वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. मुनियप्पा भी दलित समुदाय से आते हैं. वहीं, खान और जॉर्ज का संबंध अल्पसंख्यक समुदाय से है. जार्कीहोली अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, जबकि रामालिंगा रेड्डी का संबंध रेड्डी जाति से है.

भाजपाई खेमे के लिए एकजुटता दिखाने का एक मौका
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राकांपा प्रमुख शरद पवार समेत कई बड़े नेता इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. यह शपथ ग्रहण समारोह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपाई खेमे के लिए एकजुटता दिखाने का एक मौका है. भले ही सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अगले साल होने वाले चुनाव से पहले विपक्षी एकता को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां श्री कांतीरवा स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहेंगी. हालांकि, उनकी पार्टी का इस कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व होगा, लेकिन कांग्रेस उनकी अनुपस्थिति को 'निरुत्साहित' करने के तौर पर देख रही है.

विपक्ष के इन नेताओं को किया गया आमंत्रित
सिद्धारमैया और शिवकुमार शनिवार को बेंगलुरू के कांतीरवा स्टेडियम में दोपहर साढ़े बारह बजे कुछ मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार के अलावा, जिन लोगों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरेगे ने समारोह के लिए झामुमो, राजद, शिवसेना, सपा, पीडीपी, माकपा, भाकपा, एमडीएमके, आरएसपी, भाकपा(माले), वीसीके, रालोद, केरल कांग्रेस और आईयूएमएल के नेताओं को भी आमंत्रित किया है. 

सिद्धारमैया के सामने होंगी ये चुनौतियां
कांग्रेस विधायक दल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सिद्धारमैया को औपचारिक रूप से नेता चुन लिया गया, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की होगी, जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों और पुरानी तथा नयी पीढ़ियों के विधायकों का प्रतिनिधित्व हो. कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है और अनेक विधायक मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं.

मंत्रिमंडल में सभी क्षेत्रों और वर्गों का ध्‍यान... 
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में सभी क्षेत्रों और वर्गों का ध्यान रखा जाएगा. सिद्धारमैया कुरुबा और शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 10 जनपथ पहुंचकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की. उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया. दिन में दिल्ली पहुंचने के बाद कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा था, "हम अपने नेताओं को आमंत्रित करने के लिए यहां आए हैं. हम गांधी परिवार और मल्लिकार्जुन खरगे को व्यक्तिगत तौर पर आंत्रित करेंगे." उन्होंने यह भी कहा था कि कैबिनेट के गठन को लेकर भी चर्चा करनी है. शिवकुमार का कहना है कि सरकार बनने के साथ ही पांचों गारंटी पर काम आरंभ हो जाएगा.

बता दें कि कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं.

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