IAF stops Trishul exercise due to G20 summit 08/09/2023
Bharat

G20 समिट के चलते वायुसेना ने त्रिशूल एक्सरसाइज रोकी

Sunil Shukla

दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 समिट में हिस्सा लेने के लिए आज से विदेशी मेहमानों का राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचना शुरू हो जाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम को दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस मेगा समिट में 30 से अधिक देशों के शीर्ष नेता, यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी, आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा लेंगे. जी20 समिट में इसके 20 सदस्य देश- अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीकरा, तुर्किये, यूके, अमेरिका और ईयू हिस्सा ले रहे हैं.

इसके अलावा बांग्लादेश, इजिप्ट, मॉरिशियस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को इस शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र, IMF, विश्व बैंक, WHO, WTO, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड और OECD जैसे विश्व संगठन भी G20 में शिरकत कर रहे हैं. इनके अलावा अफ्रीकन यूनियन, AUDA-NEPAD, ASEAN, ISA, CDRI और एशियन डेवलपमेंट बैंक भी G20 समिट में हिस्सा लेंगे. प्रगति मैदान स्थित इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर ‘भारत मंडपम’ जी20 का प्रमुख आयोजन स्थल है.

भारतीय वायु सेना ने उत्तरी क्षेत्र में चल रहे अपने अभ्यास 'त्रिशूल' पर रोक लगा दी है क्योंकि 7-10 सितंबर तक लड़ाकू विमान उड़ान नहीं भरेंगे. वायुसेना अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल त्रिशूल एक्सरसाइज में शामिल विमानों के उड़ान संचालन को रोका जाएगा और अन्य नियमित उड़ानें जारी रह सकती हैं.

रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस अवधि में, भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के एयर स्पेस की सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखेगी और इसके लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी. दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए अपने राफेल और अन्य लड़ाकू जेट विमानों को भी इंडियन एयरफोर्स उन्नत हवाई अड्डों पर तैनात कर रही है.

दुश्मन के विमानों या हमलावर ड्रोनों को मार गिराने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को भी दिल्ली के आसपास के स्थानों पर ले जाया गया है. आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना 4 सितंबर से चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं के साथ लगे भारत के उत्तरी क्षेत्र में त्रिशूल नामक एक प्रमुख प्रशिक्षण अभ्यास कर रही है.

राफेल, मिराज 2000 और Su-30MKI सहित लड़ाकू विमानों के सभी प्रमुख बेड़े चिनूक और अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकॉप्टरों के साथ अभ्यास में भाग ले रहे हैं. गरुड़ विशेष बल भी उस अभ्यास का हिस्सा हैं जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों का अभ्यास किया जा रहा है. अभ्यास 4 सितंबर से चल रहा है और 14 सितंबर को लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्र में समाप्त होगा.

जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, एनडीएमसी ने कई एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने और आयोजन से संबंधित विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के सिलसिले में अपने नियंत्रण कक्ष में तीन फोन नंबर पेश किए हैं. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) शिखर सम्मेलन के दौरान नागरिक सेवाओं की कुशल आपूर्ति और विभिन्न एजेंसियों के साथ निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है.

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि ये नंबर विशेष रूप से जी20 नियंत्रण कक्ष के लिए एनडीएमसी आपदा प्रबंधन केंद्र में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हैं और आम लोगों की शिकायतों के लिए नहीं हैं. एनडीएमसी ने एक बयान में कहा, 'ये नंबर नागरिक सेवाओं, आपात स्थितियों और जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान उत्पन्न होने वाली चिंताओं, जरूरतों और पूछताछ के लिए स्थापित किए गए हैं.'

दिल्ली में होने वाले जी-20 सम्मेलन के चलते कल शाम 7:00 बजे से दिल्ली-यूपी की सभी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दिया गया है. अब यूपी गेट, आनंद विहार, सीमापुरी बॉर्डर, तुलसी निकेतन बॉर्डर, खजूरी पुस्ता बॉर्डर से वाहनों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी. 10 सितंबर को कार्यक्रम की समाप्ति तक ये रूट डायवर्जन लागू रहेंगे. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से वाहन अपने-अपने गंतव्य को जाएंगे. हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी.

इस मेगा इवेंट के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया ​है. बंदरों को भगाने के लिए बड़े पैमाने पर लंगूर कटआउट का इस्तेमाल करने जैसे बहुत-से उपाय किए गए हैं. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शिखर सम्मेलन में शिरकत नहीं करेंगे. उनकी जगह चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली केकियांग करेंगे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. उनकी जगह रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे.

दुनिया के 20 प्रमुख देशों ने 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद एक आर्थिक समूह बनाया था, जिसे जी20 के नाम से जाना जाता है. यह समूह वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में 80 फीसदी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. अब तक कुल 17 जी20 बैठकों का आयोजन हो चुका है. नई दिल्ली में यह 18वां जी20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इस साल अब तक जी20 समूह ने कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया है, क्यों रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर सदस्य देशों में आम सहमति नहीं है.

यह पहली बार है जब भारत विश्व नेताओं के इतने शक्तिशाली समूह की मेजबानी कर रहा है. भारतीय अध्यक्षता के तहत इसकी थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' रखी गई है, जिसका अर्थ है विश्व एक परिवार है. इस बार की जी20 बैठक में बहुपक्षीय संस्थानों से विकासशील देशों को अधिक ऋण, अंतरराष्ट्रीय ऋण व्यवस्था में सुधार और क्रिप्टोकरेंसी पर नियम को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है. इसके अलावा खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के प्रभाव पर भी विमर्श हो सकता है.

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