Can Rahul Gandhi be disqualified for the post of MP? Example of Lakshadweep, know - what happened in it? 23/03/2023
Bharat

क्या राहुल गांधी सांसद पद के लिए अयोग्य हो सकते हैं? लक्षद्वीप की मिसाल, जानिए - इसमें क्या हुआ?

Sunil Shukla

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में सजा पाने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के लोकसभा में भविष्य पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. दूसरी तरफ बीजेपी को कोर्ट के फैसले से कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए नई ऊर्जा मिल गई है. बीजेपी पिछले दो महीने से अधिक समय से उनके खिलाफ अभियान चला रही है. राहुल गांधी को सजा होने के बाद केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा लक्षद्वीप के एक सांसद के मामले में उठाया गया कदम एक दिलचस्प उदाहरण पेश करता है.

केरल हाईकोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कानून मंत्रालय ने पीपी मोहम्मद फैजल की बहाली की सिफारिश की है.

सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी में लक्षद्वीप की एक अदालत ने दोषी ठहराया था. लेकिन एक हफ्ते बाद केरल हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि को निलंबित कर दिया था और कहा था कि लोकसभा सदस्य के रूप में उनकी अयोग्यता अब मान्य नहीं होगी.

इस बीच चुनाव आयोग ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद फैजल के लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा की. सांसद ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने आयोग के आदेश को रद्द करने की बात कही.

जहां तक राहुल गांधी का सवाल है, कांग्रेस के सूत्र मानते हैं कि अगर वे फैसले को चुनौती नहीं देते हैं तो उन्हें तत्काल अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी ठीक वैसा ही करेंगे और कुछ समय के लिए संसद में उपस्थित नहीं होंगे.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार जैसे ही किसी संसद सदस्य को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, वह अयोग्य घोषित होने की श्रेणी में आ जाता है. जानकारों की मानें तो सूरत कोर्ट के आदेश के आधार पर लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा सकता है और उनकी वायनाड सीट को खाली घोषित कर सकता है.

हालांकि, अयोग्यता से संबंधित प्रक्रियाओं को देखने वाले लोकसभा अधिकारियों ने एनडीटीवी को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "ऐसी कोई रूल बुक नहीं है." उनमें से एक ने जोर देकर कहा, "मुझे अपना चेहरा दिखाओ और मैं तुम्हें रूल बुक दिखाऊंगा." .

राहुल गांधी की सजा के मामले में उन्होंने कहा कि सामान्य अभ्यास यह है कि कॉल करने के लिए 30 दिन की अवधि समाप्त होने तक इंतजार किया जाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम के बारे में अपनी टिप्पणी को लेकर चार साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले में आज राहुल गांधी को दोषी पाया गया और उनको दो साल की जेल की सजा सुनाई गई. राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा था, "सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?" इसके बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गुजरात में केस दर्ज कराया था.

राहुल गांधी को जमानत दे दी गई है और अपील के लिए समय देने के लिए उनकी सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है.

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