Narendra Dabholkar Death 19/04/2023
Bharat

Narendra Dabholkar Death: 8 साल बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने बंद की दाभोलकर केस की निगरानी, CBI कर रहा था जांच

नरेंद्र दाभोलकर की अगस्त 2013 में हत्या हुई थी। तर्कवादी की हत्या के बाद हाई कोर्ट ने जांच की निगरानी शुरू की थी। लगभग आठ साल बाद, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि अब और निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है। इस केस में सीबीआई ने अपना आरोप पत्र दायर किया है। पांच अभियुक्तों को पुणे में एक विशेष यूएपीए अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है।

Sunil Shukla

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले से जुड़ी जांच की निगरानी को आगे जारी रखने से इनकार कर दिया है। अदालत ने आठ पन्नों के अपने आदेश में कहा कि इस मामले से जुड़े तथ्यों के मद्देनजर अब निगरानी को आगे जारी रखने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में साफ किया है कि यदि किसी मामले में आरोप पत्र दायर कर दिया जाता है, तो जांच की निगरानी की जरूरत खत्म हो जाती है। लिहाजा अब दाभोलकर मामले की जांच की जरूरत नहीं है।
2013 को हुई थी हत्या

20 अगस्त 2013 को पुणे में दाभोलकर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी। साल 2015 से हाई कोर्ट इस मामले की जांच की निगरानी कर रही है। इसके खिलाफ आरोपी वीरेन्द्र सिंह तावड़े व शरद कलसकर ने हाई कोर्ट में आवेदन दायर किया था।

हाई कोर्ट ने 31 मार्च 2023 को इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को न्यायमूर्ति अजय गडकरी व न्यायमूर्ति पी. डी. नाईक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए दाभोलकर मामले की जांच की निगरानी को आगे जारी रखने से इनकार कर दिया।

सीबीआई दायर कर चुकी है तीन आरोपपत्र

सुनवाई के दौरान आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा कि दाभोलकर मामले में सीबीआई तीन आरोप पत्र दायर कर चुकी है। आरोपपत्र दायर होने के बाद निगरानी की जरूरत खत्म हो जाती है। साथ ही इस मामले के 32 गवाहों में से 18 गवाहों की गवाही हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट की निगरानी के चलते पुणे की विशेष अदालत में दाभोलकर मामले के मुकदमे की सुनवाई प्रभावित हो रही है।

अभी भी मास्टर माइंड नहीं पकड़ा गया

वहीं, दाभोलकर की बेटी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभय नेवगी ने आरोपियों की याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अभी भी मास्टर माइंड को पकड़ा नहीं जा सका है। इस मामले का दायरा काफी व्यापक है, इसलिए कम से कम 6 माह तक हाई कोर्ट अपनी निगरानी को जारी रखे।

सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अडिशनल सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि सीबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय को भेजी है। अभी वहां से कोई जवाब नहीं आया है।

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Dr.Ashwani Mahajan and the Swadeshi Jagran Manch: A Key Voice in India's Economic Policy

DMF घोटाला: EOW ने कोर्ट में पेश की 6000 पन्नों की चार्जशीट, IAS रानू साहू समेत 9 आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुए पेश

Virat Kohli Celebrates as RCB Ends 17-Year Wait Against CSK in Chennai

Ghibli-Style AI Portraits: How to Create Them with Grok 3 and ChatGPT?

Swati Sachdeva Faces Backlash for Joke About Mothers