"ट्रांसजेंडर को भी OBC आरक्षण मिलेगा, BPCL लगाएगा प्लांट, 2 लाख रोजगार की सम्भावना"

"ट्रांसजेंडर को भी OBC आरक्षण मिलेगा, BPCL लगाएगा प्लांट, 2 लाख रोजगार की सम्भावना"

मध्यप्रदेश में अब ट्रांसजेंडर OBC वर्ग में शामिल होंगे। इससे ट्रांसजेंडर भी OBC आरक्षण के अधिकारी होंगे। कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को लिया गया है। पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर को शामिल किया जाएगा। साथ ही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने बीना रिफाइनरी कैंपस में एक प्लांट लगाने का निर्णय लिया है।
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कंपनी करीब 45 से 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सरकार कंपनी को स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (SGST) में 15 हजार करोड़ रुपये की छूट देगी जो 15 साल तक लागू होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि BPCL को मध्यप्रदेश में अभी तक का सबसे बड़ा निवेश देने का फैसला किया गया है। बीना रिफाइनरी के कैंपस में लगने वाले प्लांट में गैसोलीन, डीजल, एलएलडीपी और पॉलीप्रोपलीन का उत्पादन होगा। इस प्लांट में दो लाख लोगों को नौकरी की संभावना है।BPCL ने मध्य प्रदेश सरकार से कुछ मंग रखी थी। सरकार ने BPCL को 500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का निर्णय लिया है। BPCL ने बिजली में प्रति यूनिट 1 रुपये की छूट मांगी है। इसे निवेश संरक्षण समिति द्वारा मंजूरी दी गई है।

मंत्री सारंग ने घोषणा की है कि आज कैबिनेट में मध्य प्रदेश राज्य मिलेट्स (मोटा अनाज) मिशन की शुरुआत की गई है। हम मोटे अनाज के उत्पादन, उपयोग और प्रचार-प्रसार करने के तीनों दिशाओं में काम करेंगे। यह मिशन 2025 तक लगभग 2 साल चलेगा। किसानों को मोटे अनाज के बीजों की 80% सब्सिडी पर सहकारी संस्थानों से उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सरकार अलग से जन जागरण अभियान चलाएगी ताकि मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए जो किसान उत्पादन करते हैं, उन्हें उसका आर्थिक लाभ मिल सके।सरकारी कार्यक्रमों में खाने में कम से कम एक डिश मिलेट्स से बनी हुई होगी। हफ्ते में एक दिन मिड-डे मील में बच्चों को भी भोजन में मोटे अनाज का व्यंजन दिया जाएगा। हॉस्टल में भी हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बने व्यंजन बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। मध्यप्रदेश में मोटे अनाज को लेकर जागरूकता के लिए अगले 2 साल में बड़े स्तर पर काम करेंगे। इस मिशन के लिए अलग से लगभग 2325 लाख रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है।

कैबिनेट ने घोषणा की है कि यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं तो गेहूं को एक्सपोर्ट करने के लिए सरकार उसकी भरपाई करेगी। देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 40% उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है और पिछले साल मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। मार्कफेड द्वारा केंद्र द्वारा ली गई मूंग का केवल 25% हिस्सा था जबकि बाकी 75% मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा ही किया गया था। सरकार ने निश्चित किया है कि मार्कफेड को आर्थिक हानि हुई है तो उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी ताकि किसानों को उचित दाम मिल सके।

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