एक ऐसा हनुमान मंदिर जहाँ हनुमान जी करते भक्तों की मनोकामना पूरी,पर सीधे नहीं उलटे स्वरुप में

क्यों हैं इस मंदिर में भगवान् हनुमान की प्रतिमा उलटी और क्या है भगवान् राम और लक्ष्मण के अपहरण की कहानी? सनातन धर्म में संकट मोचन कहलाने वाले भगवान् हनुमान के वैसे तो देश भर में लाखों मंदिर हैं लेकिन मध्यप्रदेश में इंदौर के पास एक ऐसा मंदिर है जहाँ भगवान् हनुमान की सीधी नहीं उलटी प्रतिमा है।
एक ऐसा हनुमान मंदिर जहाँ हनुमान जी करते भक्तों की मनोकामना पूरी,पर सीधे नहीं उलटे स्वरुप में

लोगों की मान्यताएं है की अगर कोई भी व्यक्ति इस धाम में आकर तीन से पांच मंगलवार तक भगवान् हनुमान की उलटी प्रतिमा की पूजा करे तो उस व्यक्ति की हर मनोकामनां पूरी हो जाती है। वेद पुराणों के अनुसार भगवान हनुमान जी को चिरंजीवी की उपाधि मिली है इसका अर्थ यह है की भगवान् हनुमान समय के हर युग में पृथ्वी पर निवास करते हैं। रामायण काल की बात है जब राक्षस रावण ने वनवास के दौरान माता सीता का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद भगवान राम और रावण बीच युद्ध शुरू हो गया थे। अहिरावण राक्षस विश्रवा ऋषि के पुत्र और रावण के भाई थे। युद्ध के दौरान अहिरावण ने अपनी आराघ्य महामाया के लिए दोनो भाइयों की बलि देने के लिए भेष बदलकर रात्रि के समय भगवान् राम और लक्ष्मण को मूर्छित कर अपहरण कर लिया था। जिसके बाद अहिरावण उन्हें पाताल लोक ले गया था।

भगवान् हनुमान को जब इस बात की जानकारी लगी तो वह भगवन राम और लक्ष्मण को खोजने के लिए निकल पड़े। भगवान् हनुमान ने पाताल लोक में अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण जी को पृथ्वी पर वापस ले आये। मान्यताओं के अनुसार इंदौर के सांवेर में यह वही मंदिर है जहाँ से भगवान् हनुमान जब राम और लक्ष्मण जी को बचने के लिए पाताल लोक की यात्रा शुरू की थी। जिस समय वे पातळ लोक की ओर जा रहे थे तब उनके पैर ऊपर सर नीचे था। जिसके बाद से ही इंदौर के सांवेर का यह मंदिर उलटे हनुमान जी के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

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