इंदौर में MR-5 रिंग रोड पर किसानों का चक्काजाम:नकद पेमेंट के लिए व्यापारियों को बेचा गेहूं; सही दाम नहीं मिलने पर फूटा गुस्सा

इंदौर में MR-5 रिंग रोड पर किसानों का चक्काजाम:नकद पेमेंट के लिए व्यापारियों को बेचा गेहूं; सही दाम नहीं मिलने पर फूटा गुस्सा

इंदौर में किसानों को गेहूं का सही दाम नहीं मिलने से नाराज़गी हो गई है। सोमवार को, किसान लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से थोड़ी दूरी पर एमआर-5 रिंग रोड पर जाम लगा दिया। वे दो घंटे तक रोड बंद करके अपनी माँगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे। अधिकारियों ने किसानों को समझाया लेकिन बार बार बहस होती रही। दोपहर 2 बजे नीलामी शुरू हुई, लेकिन मामला अभी भी हंगामे के बीच है।

सरकार वर्तमान में गेहूं के समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए प्रति क्विंटल खरीद रही है, लेकिन किसानों को अपनी भुगतान की देरी हो रही है। कुछ किसानों को जल्दी नकद पेमेंट की आवश्यकता होती है, जैसे कि उनके पास कर्ज होता है या उनके लिए जरूरी काम होते हैं। व्यापारियों को उनके उत्पादों के लिए नकद पेमेंट दिया जा रहा है, जो कि किसानों को असंतुष्ट कर रहा है। इसके अलावा, कुछ किसान अपने उत्पादों को समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खुले बाजार में बेच रहे हैं, जो समर्थन मूल्य से 300 रुपए कम है। इसलिए, किसान नाराज हैं और बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं।

एक किसान सतीश मकवाना ने सोमवार को मंडी में बताया कि यदि वह समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेचता है तो उसे 10 दिनों में भी पेमेंट मिलेगा या नहीं, इसका पता नहीं है। उसे अपने हॉस्पिटल खर्च के लिए पैसे जमा करने की आवश्यकता हो रही है, इसलिए उसने मंडी में जाकर सोचा कि वह अच्छे भाव में अपना गेहूं बेचकर नकद पेमेंट प्राप्त कर सकता है। लेकिन वहां उचित भाव नहीं मिल रहे थे। इसी कारण से बहुत से किसानों को पेमेंट मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है और वे परेशान हैं। किसान सतीश मकवाना ने बताया कि हरिओम मकवाना ने 10 दिन पहले सोसाइटी में अपने 500 क्विंटल गेहूं का बेचा था, लेकिन उसे अभी तक पेमेंट नहीं मिला है। यही स्थिति सैकड़ों किसानों के साथ हो रही है जो पेमेंट के इंतजार में परेशान हो रहे हैं।

सरकार के लाख दावे और प्रशासनिक अधिकारियों के कई बार मिले आश्वासन के बाद भी अन्नदाता नाराज हैं। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि पिछले 12 दिन में तीसरी बार किसान अपने हक के पैसे के लिए सड़कों पर उतरे हैं।सोमवार को MR-5 पर जाम लगाया। इससे पहले 28 मार्च और फिर 4 अप्रैल को भी किसान सड़कों पर आ चुके हैं। तीनों बार अधिकारी किसानों को मनाने में कामयाब रहे। 28 मार्च को भी लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में ही हंगामा हुआ था। उस दिन भी किसान बड़ी मात्रा में गेहूं लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन कम कीमत पर खरीदी को लेकर वे नाराज हो गए। इस बीच अन्य स्थानों से भी किसान मंडी में आ गए और जमकर हंगामा किया था। किसानों का कहना था कि व्यापारी कम कीमत में गेहूं खरीदकर मुनाफा वसूली कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस माह बारिश और ओला वृष्टि से उन्हें नुकसान हुआ है। गेहूं में चमक नहीं होने से उन्हें खरीदा नहीं जा रहा है।

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