छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण विभाग (PWD) में मस्टर रोल के माध्यम से फर्जी हाजिरी लगाकर लाखों रुपये के गबन का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस घोटाले में विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक सेवानिवृत्त अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह अनियमितता पिछले दो वर्षों से चल रही थी, जिसमें मस्टर रोल में फर्जी नाम जोड़कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने मस्टर रोल में फर्जी नामों की एंट्री करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। विभाग ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में PWD के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में, बीजापुर जिले में सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं के आरोप में दो अधिकारियों को निलंबित किया गया था। इन अनियमितताओं को उजागर करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही, विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए उपायों को लागू करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
छत्तीसगढ़ में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में, समाज कल्याण विभाग में 109 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसमें निराश्रित विधवा पेंशन योजना, दिव्यांग और बुजुर्गों की मिलने वाली राशि में गबन किया गया था। जांच में पाया गया कि विभागीय अधिकारियों ने निराश्रित निधि के विशेष ऑडिट में 43 करोड़ 40 लाख रुपये का घोटाला किया था।
इसके अलावा, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत भी फर्जी मस्टर रोल बनाकर हाजिरी भरने के कई मामले सामने आए हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक मामले में, सरपंच और रोजगार सहायक ने मिलकर फर्जी मस्टर रोल बनाकर लाखों रुपये का गबन किया। जांच में पाया गया कि मस्टर रोल में फर्जी नामों की एंट्री करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
इन सभी मामलों में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए सरकार ने विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए उपायों को लागू करने की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सरकार की इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इन उपायों का प्रभाव कितना होता है और क्या भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोका जा सकता है।
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