आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा, मुंबई मेट्रो से बोला सुप्रीम कोर्ट- इसका सख्ती से पालन करें

SC ने 2019 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को संबोधित विधि के एक छात्र के पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में बदल दिया था। पत्र में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा, मुंबई मेट्रो से बोला सुप्रीम कोर्ट- इसका सख्ती से पालन करें

सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए बुधवार को कहा कि आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। कोर्ट ने मुंबई मेट्रो से कहा कि वह इस बात का सख्ती से पालन करे। शीर्ष अदालत ने मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को निर्देश दिया कि वह मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटे जाने के अपने वचन का सख्ती से पालन करे और चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि वह 30 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे। इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार के वकील ने दस्तावेजों को जुटाने के लिए समय मांगा था। पीठ में न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया भी शामिल थे।

पीठ ने कहा, ‘‘एमएमआरसीएल के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किलों ने पहले ही एक हलफनामा दायर किया है कि किसी भी तरह से कोई पेड़ नहीं काटा गया है या नहीं काटा जाएगा। एमएमआरसीएल निदेशक द्वारा उक्त हलफनामे को पहले ही रिकॉर्ड में ले लिया गया है और एमएमआरसीएल इसका सख्ती से पालन करने के लिए बाध्य है।’’ याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पेड़ काटने और जमीन समतल करने का काम जारी है। एमएमआरसीएल ने पहले उच्चतम न्यायालय को बताया था कि अक्टूबर 2019 के बाद मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है।

शीर्ष अदालत ने 2019 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को संबोधित विधि के एक छात्र के पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में बदल दिया था। पत्र में आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। सॉलिसिटर जनरल द्वारा महाराष्ट्र राज्य की ओर से निवेदन किए जाने के बाद कि आगे कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा, शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को आरे कॉलोनी में और पेड़ काटने से रोक दिया था। कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का हरित कार्यकर्ताओं और निवासियों ने विरोध किया है।

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