पुतिन और किम जोंग उन की मुलाकात की दुनियाभर में क्यों इतनी चर्चा ? यहां जानिए

स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ बैठक के बाद किम ने कहा कि अपनी सुरक्षा हितों के लिए साम्राज्यवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ रूस की पवित्र लड़ाई में उत्तर कोरिया पूरी तरह से साथ है.
Why is there so much discussion around the world about the meeting between Putin and Kim Jong Un? Know here
Why is there so much discussion around the world about the meeting between Putin and Kim Jong Un? Know here 14/09/2023

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बुधवार को शिखर बैठक हुई. दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. ये बैठक रूस के सुदूर पूर्व में स्थित स्पेस सेंटर वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम में हुई. कोस्मोड्रोम के मुख्य द्वार पर पुतिन ने किम का स्वागत किया और फिर बैठक शुरु हुई जो क़रीब चार घंटे चली. स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ बैठक के बाद किम ने कहा कि  अपनी सुरक्षा हितों के लिए साम्राज्यवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ रूस की पवित्र लड़ाई में उत्तर कोरिया पूरी तरह से साथ है.

रूस उत्तर कोरिया से हथियार ख़रीदने की कोशिश में

दरअसल अमेरिका के मुताबिक़ रूस उत्तर कोरिया से हथियार ख़रीदने की कोशिश में है. पुतिन-किम मुलाक़ात का मुख्य मक़सद यही बताया गया है. जानकारी के अनुसार रूस को 122MM और 152MM गोले की ज़रुरत है जिसे वह यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में इस्तेमाल कर सके. कोस्मोड्रोम जहां से अंतरिक्ष यान छोड़े जाते हैं वहां पुतिन-किम की बैठक होने का भी ख़ास अर्थ लगाया जा रहा है, वो ये कि क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह बनाने में मदद करेगा?  

उत्तर कोरिया के नेता की रॉकेट प्रौद्योगिकी में दिलचस्पी

इस बारे में सवाल जब पुतिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता रॉकेट प्रौद्योगिकी में बहुत दिलचस्पी रखते हैं और वे अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. सैन्य-तकनीकी सहयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी समय है हम सभी मुद्दों पर धीरे धीरे बात करेंगे. ख़बर के मुताबिक़ किम उत्तर कोरिया लौटने से पहले रूस के कुछ और केन्द्रों का दौरा करेंगे. 

रात्रि भोज के दौरान पुतिन ने किम के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की

रात्रि भोज के दौरान पुतिन ने किम के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और रूस-उत्तर कोरिया दोस्ती के नाम जाम टकराया. उत्तरी कोरिया के शासक किम की पिछले चार साल में ये पहली विदेश यात्रा है. 2019 में भी वे रूस के राष्ट्रपति पुतिन से ही रूस के बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में मिले थे. ये मुलाक़ात तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ किम जोंग उन की परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता नाकाम रहने के बाद हुई थी.

क्यों चर्चा में किम जोंग उन की ट्रेन

2019 की तरह इस बार भी किम जोंग उन उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से रूसी शहर व्लादिवोस्तोक अपनी ट्रेन से पहुंचे. किम की इस बख़्तरबंद ट्रेन की भी ख़ूब चर्चा है. माना जाता है कि किम जोंग उन अपने पिता किम जोंग इल की तरह ही हवाई यात्रा से डरते हैं इसलिए ट्रेन से ही यात्रा करते हैं. इस ट्रेन पर किम के कारों के काफ़िले की क़रीब 20 बख़्तरबंद गाड़ियां लदी होती हैं. अत्यधिक भार की वजह से इस ट्रेन की रफ़्तार भी बहुत अधिक नहीं होती. महज़ 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की होती है. प्योंगयांग से व्लादिवोस्तोक की दूरी क़रीब 1200 किलोमीटर है. इस दूरी को पूरा करने में इस ट्रेन को क़रीब 20 घंटे लगे

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