Trying to weaken the CoWIN portal, Union Minister said on the allegations of data breach – the leaked data is fake or else

भारत सरकार ने सरकारी कोविड वैक्सीनेशन एप कोविन से वैक्सीन लगवाने वालों का डेटा लीक होने की खबरों को बेबुनियाद और भ्रामक करार दिया है.
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Updated at 13/06/2023

कोविड वैक्सीनेशन को रजिस्टर करने वाले कोविन एप से वैक्सीन लगवाने लोगों को निजी डाटा पब्लिक होने की खबरों का केंद्र सरकार ने खंडन किया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखरन ने कहा कि यह सरकारी कोविड टीकाकरण एप की क्रेडिबिलिटी को कम किए जाने की साजिह से अधिक कुछ भी नहीं है.

सरकार ने कोविन पोर्टल को पूरी तरह से सुरक्षित बताते हुए देश की जनता को आश्वस्त किया है कि इस एप पर रजिस्टर लोगों का डेटा पब्लिक हो जाने की खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और देश के संसाधनों की महत्वा को ठोस पहुंचाने के इरादे से जानबूझ कर की गई हैं.

कोविन एप को लेकर क्या बोली सरकारी जांच एजेंसियां?
कोविन एप को लेकर सरकारी जांच एजेंसियों ने अपनी कही है. भारत सरकार ने कहा कि कोविन एप पर डेटा ब्रीच की खबरें पूरी तरह से भ्रामक हैं और देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट-इन ने लीक डेटा के मामले की जांच की है और उन्होंने इस मामले को निगेटिव पाया है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखरन ने कहा, सोशल मीडिया पर कोविन डेटा में लीक की खबरों को लेकर मैं यह बताना चाहता हूं कि इस मामले में भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) ने तुरंत कदम उठाया और मामले की जांच की. उसके बाद उन्होंने हमें निश्चिंत रहने को कहा है, मैं यह कहना चाहूंगा की कोई भी डेटा लीक नहीं हुआ है.


डेटा ब्रीच पर कांग्रेस ने सरकार का घेरा
इसी बीच, डेटा ब्रीच की खबरों को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के ऊपर हमला शुरू कर दिया, और इस मामले की आपराधिक जांच करने की मांग की. कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि आखिर क्यों वह डेटा सुरक्षा विधेयक दबाकर बैठे हैं. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, भारत सरकार नागरिकों की निजता को नजरअंदाज कर रही है. कोविड-19 का टीका लगवाने वाले हर भारतीय का निजी डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. भारत सरकार डेटा सुरक्षा विधेयक पर कदम क्यों नहीं उठा रही है?

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