फ्लाइट में यात्रा के दौरान इस सीट को सबसे सेफ माना जाता है, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

अभी हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि लोग ये जानना चाह रहे हैं कि प्लेन की सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है? नेपाल में हुए हादसे के कारण लोग सहमे हुए हैं. टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीच वाली सीट को सबसे ज़्यादा सुंरक्षित माना जाता है.
This seat is considered to be the safest while traveling in flight, shocking revelation in the study
This seat is considered to be the safest while traveling in flight, shocking revelation in the study20/02/2023

फ्लाइट ने हमारी ज़िंदगी को बेहद आसान कर दी है. फ्लाइट के कारण हम हज़ारों किलोमीटर की दूरी को तुरंत कर लेते हैं. हालांकि, फ्लाइट में क्रेश के कारण लोगों में डर बना रहता है. इन सबके बावजू़द लोग यात्रा अपनी पसंद की सीट के हिसाब से करते हैं. सभी यात्रियों की इच्छा रहती है कि वो अपने कंफर्ट के हिसाब से सीट लें. कुछ लोग सफल हो जाते हैं, वहीं कुछ लोगों को दिक्कत होती. अमूमन कई यात्री प्लेन में विंडो सीट लेना पसंद करते हैं. कुछ लोग बाथरूम के बगल में बैठना पसंद करते हैं. कुछ लोग केबिन क्रू के पास बैठना पसंद करते हैं. हालांकि, इन सबके बावजूद लोगों के मन में एक सवाल रहता है कि प्लेन की सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है?

अभी हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि लोग ये जानना चाह रहे हैं कि प्लेन की सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है? नेपाल में हुए हादसे के कारण लोग सहमे हुए हैं. टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीच वाली सीट को सबसे ज़्यादा सुंरक्षित माना जाता है. यूएसए के फेडरल एविएशन अथॉरिटी (FAA) की ओर से किए गए 35 साल की स्टडी का हवाला दिया. स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि विंडो सीट ज्यादा सुरक्षित नहीं है.

जानकारी के मुताबिक, प्लेन में बीच की सीट से दो रो पीछे की सीट ज्यादा सेफ मानी जाती है. फ्रंट सीट पर बैठना थोड़ा खतरों से भरा होता है. स्टडी में खुलासा हुआ है कि आगे पंखें (डैना) होता है. 1985 से 2020 के बीच हादसों और मौतों को देखते हुए FAA की रिपोर्ट के मुताबिक बैठने की सबसे खराब जगह प्लेन के बीच में है. केबिन के बीच की सीटों में 39 फीसदी मृत्यु दर थी, जबकि सामने की तीसरी में 38 फीसदी और पीछे की तीसरी में 32 फीसदी थी.

फैक्ट की बात करें तो लोग आगे की सीट को इसलिए पसंद करते हैं ताकि वो जल्दी प्लेन से निकल सकें. एक स्टडी में 1979 में न्यूज़ीलैंड की एक प्लेन क्रैश कर गई थी, इसमें केबिन क्रू समेत 257 लोगों की मृत्यु हो गई थी. 2009 में फ्रासं की एक फ्लाइट में 228 यात्रियों की मौत हुई थी.

आपातकालीन स्थिति के लिए पायलट को बहुत ही बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है. उन्हें पहाड़, मैदान और पानी के लिए भी स्पेशल ट्रेनिंग मिलती है, ताकि वो अच्छे से मामला को संभाल सकें.

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