
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी इस बात का एहसास है कि कुछ लोग महागठबंधन को दरकाने मे लगे हैं। दिल्ली से पटना लौटने के तुरंत बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम मे उन्होंने कहा कि लोग लगे हैं कि कुछ हो जाए पर नहीं टूटने वाला है महागठबंधन। किसी नेता का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जनता बयानवीरों के साथ नहीं, बल्कि महागठबंधन के नेता लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के साथ है।
रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान से उत्पन्न विवाद पर जब तेजस्वी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश का सबसे पवित्र ग्रंथ भारत का संविधान है। देश उसी से चलता है। संविधान के तहत सबको यह आजादी है कि वह अपनी बात रखे पर संविधान यह भी बताता है कि हर धर्म को मान-सम्मान दिया जाना चाहिए। इस पर किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा ही नहीं है। मुद्दा तो शिक्षा, रोजगार और मंहगाई है। इस पर क्यों नहीं चर्चा करते? बयानवीरों को उप मुख्यमंत्री ने यह नसीहत दी कि मुद्दे की बात करिए न। बयानवीरों को यह लगता होगा कि चलो कोई लाइन मिल गया। उन्हें मानसिक संतुष्टि मिलती होगी पर इससे कुछ नहीं होने वाला। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा फिर से अपना एजेंडा हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, पाकिस्तान और कश्मीर तय करने मे लगी है। हाल में भाजपा के दो शीर्ष नेता बिहार आए थे। यही ट्रेनिंग देकर गए होंगे।
यही नहीं अब ईडी व सीबीआई भी आएगी। तेजस्वी के पास बहुत संपत्ति है, इस पर मुकदमा होगा। भाजपा के लोग तो डेढ़ साल से साजिश कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि जो बयानवीर इन दिनों अपने बयान के बाद चर्चा मे हैं उनके साथ जनता थोड़े ही है। नीतीश कुमार और हमें यह पता है कि कौन-कौन लोग हैं जो यह कह रहे।
पहले यह भ्रम फैलाया गया कि नीतीश कुमार उप राष्ट्रपति हो रहे, इसके बाद कहा कि गवर्नर हो रहे फिर केंद्र मे मंत्री बनाए जाने की बात फैलाई। भाजपा के लोग यह साजिश करते हैं। दरअसल, भाजपा को 2024 का डर है। लालू प्रसाद ने हमे यह समझाया है कि विवेक और धैर्य ताकत है। हम विवेक से काम कर रहे।
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