ये ऐड है दुनिया की टॉप सिक्योरिटी और सर्विलांस कंपनियों में शुमार CP Plus का। आज Unicorn Dreams with कुशान अग्रवाल' में हमारे साथ हैं CP Plus के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य खेमका। बातें CP Plus की शुरुआत, जर्नी और कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की। तो चलिए शुरू करते हैं…
कुशान: CP PLUS की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस नाम के पीछे आपकी क्या सोच थी?
आदित्य खेमका: 2007 में हमने सिक्योरिटी और CCTV प्रोडक्ट में एंट्री ली थी। तब हमारा काम था प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी को डिस्ट्रीब्यूट करना। हमारी कोशिश थी कि जो भी फ्यूचर टेक्नोलॉजी हैं, उन्हें पहले भारत में शुरू किया जाए।
उस वक्त कैमरे का मार्केट बेसिक स्टेज में था। कैमरे की टेक्नोलॉजी बहुत लक्जरी थी। फुटेज रिकॉर्ड करने की डिवाइस भी नहीं बनी थी। हमने रियलाइज किया कि इस फील्ड में काम करने के लिए काफी स्कोप है, लिहाजा खुद का ब्रांड शुरू करना चाहिए।
इसके बाद 2008 में CP PLUS की शुरुआत हुई। CP UK का एक ब्रांड है, हमने उसी तर्ज पर अपने ब्रांड का नाम CP PLUS रखा। CP यानी कॉस्ट एंड फरफॉर्मेंस, जैसा कि हर कंज्यूमर सस्ते दाम में बेस्ट परफॉर्मेंस चाहता है।
कुशान: CP PLUS अभी दुनिया की टॉप-3 सर्विलेंस इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स में से एक है। एक डिस्ट्रीब्यूटर से मैन्यूफैक्चरर्स बनने की जर्नी कैसी रही?
आदित्य खेमका: बहुत ही दिलचस्प जर्नी रही है। जब हमने इस फील्ड में रिसर्च शुरू किया, इसकी टेक्नोलॉजी और मार्केट स्टडी की, तो बहुत सी चीजों के बारे में पता चला। मसलन इसकी मदद से लोगों की लाइफ सेव कर सकते हैं। उनकी संपत्ति की सुरक्षा कर सकते हैं। इससे इस फील्ड में हमारा पैशन बढ़ता गया।
शुरुआत में सबसे मुश्किल टास्क था, ऑर्गेनाइजेशन का माइंड सेट चेंज करना। यानी डिस्ट्रीब्यूटर से मैन्यूफैक्चरर बनना। हमारे एम्पलॉइज ने खुद को इसके हिसाब से ढाला और कंपनी को आगे बढ़ाया। आज हम मार्केट बेहतर पोजिशन पर हैं। भारत में हमारा मार्केट शेयर करीब 50% तक है।
कुशान: CP PLUS कस्टमर्स तक पहुंचने के लिए क्या-क्या स्ट्रैटेजी अपनाता है?
आदित्य खेमका: हमने जब बिजनेस शुरू किया था, तब यह मार्केट बहुत ही अनऑर्गेनाइज्ड था। हर सेगमेंट में। चाहे डीलर हों, डिस्ट्रीब्यूटर हों या फिर मैन पावर। हमने इस मार्केट को क्रिएट करने और बेहतर इकोसिस्टम तैयार करने के लिए बहुत काम किया।
हमने रियलाइज किया कि इंडस्ट्री में एजुकेशन और ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। इसके लिए हमने एक रिटायर्ड आर्मी जनरल को हायर किया। वे हर दिन मल्टीपल लोकेशन पर ट्रेनिंग देते रहते हैं। इससे हमें बहुत बेनिफिट मिला।
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