एलन मस्क की स्पेस एजेंसी स्पेस-एक्स ने चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा है। उनके रॉकेट को स्थानीय समयानुसार, सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। न्यूज एजेंसी 'AP' की रिपोर्ट के मुताबिक, वो रविवार (27 अगस्त) को स्पेस स्टेशन तक पहुंच जाएंगे।
इन्हें स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में करीब 29 घंटे लगेंगे। इसके बाद वहां मौजूद 4 एस्ट्रोनॉट्स को वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। ये पहली बार था, जब अमेरिका की तरफ से लॉन्च किए किसी स्पेसक्राफ्ट में चारों सीटों पर अलग-अलग देश के अंतरिक्ष यात्री बैठे थे। दरअसल, नासा के एस्ट्रोनॉट के अलावा डेनमार्क, जापान और रूस के अंतरिक्ष यात्री 6 महीने के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन गए हैं।
2 एस्ट्रोनॉट्स की पहली उड़ान
इस कैप्सूल में सवार चार लोग मिशन कमांडर और नासा के अंतरिक्ष यात्री जैस्मीन मोघबेली, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री और मिशन पायलट एंड्रियास मोगेंसन, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री सातोशी फुराकावा और रूसी अंतरिक्ष यात्री कॉन्स्टेंटिन बोरिसोव हैं।
मोघबेली और बोरिसोव के लिए यह पहली अंतरिक्ष उड़ान है। यह मोगेंसेन और फुराकावा के लिए दूसरा मौका है। इस लॉन्च पर यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जोसेफ एसबाशेर ने कहा- स्पेस एक्सपलोर करने हमें साथ आने की जरूरत है।
एस्ट्रोनॉट बनने से पहले कोई सर्जन तो कोई इंजीनियर था
एस्ट्रोनॉट मोघबेली- इनके माता-पिता 1979 की क्रांति के दौरान ईरान से भाग गए थे। जर्मनी में जन्मी और न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में पली-बढ़ी, फिर US नेवी में शामिल हो गईं। उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकियों पर हमलों के लिए भी हेलिकॉप्टर उड़ाया। वो पहली बार अंतरिक्ष जा रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे ईरान की लड़कियों में सपने देखने की उम्मीद जगेगी। उड़ान से पहले उन्होंन कहा, "खुद पर विश्वास मजबूती की बात है।"
एस्ट्रोनॉट मोगेंसन- इन्होंने डेनमार्क इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद कई सालों तक वेस्ट अफ्रीका के कोस्ट पर ऑयल ड्रिलिंग से जुड़ा काम किया। उनका कहना है कि ये काम करने के लिए कई लोगों ने उन पर सवाल खड़े किए। इन सवालों पर उन्होंने जवाब दिया कि भविष्य में हमें स्पेस में ड्रिल करने वालों की जरूरत होगी। मोगेंसन डेनमार्क के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं।
एस्ट्रोनॉट फुराकावा- अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले एक सर्जन थे। मोगेंसन की तरह, वो पहले भी स्पेस स्टेशन का दौरा कर चुके हैं।
एस्ट्रोनॉट बोरिसोव- इन्होंने बिजनेस की पढ़ाई के बाद इंजीनियरिंग की ओर रुख किया। वह मॉस्को में एक फ्री डाइविंग स्कूल चलाते हैं। उनका कहना है कि सभी अंतरिक्ष यात्रियों के अलग-अलग देशों से होने का सबसे बड़ा फायदा उनका खाना होता है। वो समुद्र की गहराई में बिना ऑक्सीजन जाने के कॉम्पिटीशन को भी जज करते हैं।
तीन अंतरिक्ष यात्री 6 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसे
3 अंतरिक्ष यात्री पिछले 6 महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं। इन यात्रियों को इस साल मार्च के अंत तक पृथ्वी पर वापस आना था। लेकिन इन्हें वापस लेने गया स्पेसक्राफ्ट स्पेस-स्टेशन से डॉक नहीं हो पाया। इस कारण से इन्हें 6 महीनों का इंतजार करना पड़ा। अब ये यात्री सितंबर में वापस पृथ्वी पर आएंगे। इन यात्रियों में एक अमेरिकी और 2 रूसी वैज्ञानिक शामिल हैं।
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