मम्मी-पापा को बेटा चाहिए था, मैं जन्मी तो छोड़ दिया:मॉडलिंग के लिए किसी ने ताने झेले, मानसिक स्थिति बिगड़ी, अब बनेंगी मिस राजस्थान

कहानी 1 : मेरे माता-पिता को बेटा चाहिए था, लेकिन मैं हो गई। उन्होंने मुझे छोड़ दिया। कहानी 2 : कोरोनाकाल में मैं अपने मम्मी-पापा को खो दिया। इस वजह से मेरी मेंटल हेल्थ बिगड़ गई। कहानी 3 : मॉडलिंग करना आसान नहीं था, परिवार के ताने सुने- तुझे छूट देकर गलती कर दी।
मम्मी-पापा को बेटा चाहिए था,
मम्मी-पापा को बेटा चाहिए था,08/07/2023

ये कहानियां उन 3 लड़कियों की जो 'मिस राजस्थान' की फाइनलिस्ट चुन ली गई हैं। अजमेर रोड स्थित होटल प्राइम सफारी में हुई सेरेमनी में टॉप 28 मॉडल्स के नाम घोषित किए गए।

इस दौरान भास्कर ने चुनी गईं मॉडल्स से बात की तो उनके संघर्ष की कहानियां सामने आईं। पढ़िए- कैसे इन लड़कियों ने तमाम अंधेरों और चुनौतियों का सामना कर ग्लैमर वर्ल्ड में अपनी जगह बनाई...

माता-पिता की मौत से बिगड़ी मेंटल हेल्थ

टॉप 28 में जगह बनाने वाली ऐश्वर्या ने बताया- कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो दिया था, ऐसे में उनकी खुद की मेंटल हेल्थ पर असर पड़ा। इसके बाद नानी के परिवार ने उन्हें आगे बढ़ाया। अपने सपनों को पूरा करने की आजादी दी।

ऐश्वर्या ने बताया- मैं अपने पेरेंट्स की सिंगल चाइल्ड थी। ऐसे में उनसे ज्यादा नजदीक रही। मां प्राइवेट स्कूल में टीचर थी। पापा एडवोकेट थे।

2017 में मम्मी के कैंसर डिटेक्ट हुआ, तब मैं 11वीं कक्षा में थी। हमने उनका बहुत इलाज करवाया। इसके बाद वे ठीक होने लगी थी। जब मेरे कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस शुरू हुआ तो उनके फिर से कैंसर डिटेक्ट हो गया, जो ब्रेन तक पहुंच गया।

डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन कोई ऑप्शन हमारे पास नहीं बचा था। लॉकडाउन से पहले मेरी मां चली गई। इसका मेरे मेंटल हेल्थ पर बहुत बड़ा असर पड़ा। धीरे-धीरे मैं आगे बढ़ना चाह रही थी, फिर लॉकडाउन लग गया।

घर में कैद हो गई। यहां फिर मेरे दिमाग में बुरे ख्याल आने लगे, लेकिन हमेशा मम्मी की बात याद आती थी कि 'तुम हमारी शान हो और मान हो, तुम्हें वह सब कुछ करना है, जो भगवान ने तुम्हारे लिए लिखा है।' इन्हीं बातों से मैं खुद को ठीक कर लेती थी।

मानुषी छिल्लर जब मिस वर्ल्ड बनी थीं, तब मैं ब्यूटी पेजेंट की तरफ आकर्षित हुई। वहां से स्टेज के प्रति इंटरेस्ट बढ़ा। मां के गुजरने के बाद लगा कि यह एक ऐसा स्टेज है, जहां से मेंटल हेल्थ को लेकर काम कर सकती हूं।

दूसरा लॉकडाउन आते-आते पापा के लीवर में इंफेक्शन हो गया। पापा की तबीयत बिगड़ने लगी। कई बीमारियां डिटेक्ट हो गई। सीटी स्कैन में कोविड पॉजिटिव आया। रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी।

यहां से मेडिकल ट्रीटमेंट भी फेल हो गया। पापा का भी साथ छूट गया। मैं पूरी तरह टूट चुकी थी। यहां मुझे नानी की फैमिली ने सपोर्ट किया। मुझे भी अपनी लाइफ वेस्ट नहीं करनी थी। ऐसे में मैंने भी ब्यूटी पेजेंट के लिए तैयारी शुरू की।

आज फिनाले में जगह मिल गई है। मेरी नानी मेरी स्ट्रेंथ हैं। जब मैंने उन्हें फाइनलिस्ट बनने के बारे में बताया तो वे बहुत खुश हो गईं। वे बोलीं कि तुम पर गर्व है और तुमने वह करके दिखाया है, जिस देखकर तुम्हारी मम्मी बहुत खुश होगी।

बेटा नहीं होने पर पेरेंट्स ने छोड़ दिया था

ब्यूटी क्वीन बनने मिस राजस्थान में पहुंचीं नीरज यादव ने बताया- मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव से हूं। वहीं मेरा जन्म हुआ है।

मेरे दादा-दादी और मेरे पेरेंट्स से बेटे की उम्मीद कर रहे थे। मेरा जन्म हो गया। मुझे किसी ने एक्सेप्ट नहीं किया। तब मेरी मौसी मुझे नानाजी के घर लेकर आ गईं।

उन्होंने मेरी परवरिश की, नानाजी ने मेरी जिम्मेदारी उठाई। मौसी की शादी होने के बाद उन्होंने और मौसाजी ने मुझे बेटी की तरह रखा। बीएससी करने के बाद अब एमएससी कर रही हूं। मैंने एयरविंग में एनसीसी भी कंप्लीट की है।

जब मैं 12वीं क्लास में थी तो मेरे पैरेंट्स लेने के लिए आए थे। वे मेरी शादी करके फ्री होना चाहते थे। मैं उन लोगों को नहीं छोड़ सकती थी, जिन्होंने मेरी परवरिश की।

नानाजी और मौसी ने मेरा साथ दिया। मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मैं जब ब्यूटी पेजेंट करने की सोच रही थी तो नानाजी और मौसी को मनाना आसान नहीं था।

हम एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। फैशन इंडस्ट्री से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन दो साल की मेहनत के बाद मैंने सभी को मना लिया।

मौसी ने सपोर्ट किया। 2020 में पेजेंट मिस टीन आइकन इंडिया भी जीत चुकी हूं। पेरेंट्स तो अभी भी नहीं चाहते कि मैं किसी पेजेंट या फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा बनूं।

पेरेंट्स को मनाना आसान नहीं, घर में बन गया इश्यू

आस्था चौधरी ने बताया- जयपुर में कई साल से रह रही हूं। निम्स यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही हूं। मैं एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हूं।

हमारे यहां फैशन इंडस्ट्री को सही नहीं मानते, ऐसे में मैंने बिना बताए मिस राजस्थान के ऑडिशन दिए। जब फाइनल में सिलेक्ट हुई तो उन्हें बताया। इसके बाद घर में इश्यू बढ़ गए। सभी मेरे खिलाफ हो गए। यहां मेरे लिए बहुत मुश्किलें आ गईं।

मेरी मामी ने बहुत सपोर्ट किया। घरवालों को समझाया। पेजेंट में हिस्सा लेने के लिए परमिशन दिलाई। इसके बावजूद भी कई बार यही सुनने को मिलता है कि हमने परमिशन देकर गलती कर दी।

तुझे ज्यादा ही छूट दे दी है। मैं अपने आप को प्रूव करने के लिए आई हूं। यहां बनकर अपनी फैमिली का नाम रोशन करना चाहती हूं, ताकि उन्हें मुझ पर गर्व हो।

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