नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने बीते दिनों कनाडा में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या को लेकर चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से कहा कि कनाडा चरमपंथी तत्वों को पनाह देता है. जो कहीं से भी सही नही हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के पीएम ट्रूडो के आरोपों पर कहा कि कनाडा ने जिस तरह के आरोप भारत पर लगाए हैं वो कहीं से भी भारत की पॉलिसी के तहत नहीं आते हैं. ऐसे में भारत पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं.
वाशिंगटन के हडसन इंस्टीट्यूट में एक चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा का "आतंकवादियों, चरमपंथियों और खुले तौर पर हिंसा की वकालत करने वाले लोगों के प्रति उदार रवैया" है. "कनाडा की राजनीति की मजबूरियों के कारण ही उन्हें कनाडा से ऐसी गतिविधियों को संचालित करने के लिए जगह दी गई है.
गुरुवार को जयशंकर की ब्लिंकन से मुलाकात के दौरान अमेरिका ने भारत-कनाडा विवाद के बारे में कुछ भी बात नहीं की. इससे पहले, अमेरिका ने कनाडा के आरोपों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि उसे अपने दोनों सहयोगियों - भारत और कनाडा की परवाह है.
एस जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत के लिए, कनाडा एक ऐसा देश रहा है जहां भारत से संगठित अपराध लोगों की तस्करी, अलगाववाद, हिंसा, आतंकवाद के साथ मिश्रित है. उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि भारतीय राजनयिक कनाडा में असुरक्षित हैं.
जयशंकर ने कहा कि अगर कनाडा के पास कुछ स्पेसेफिक है तो भारत इस पर विचार करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि किसी चीज के लिए दरवाजे बंद नहीं होते, लेकिन देखने लायक कुछ तो होना ही चाहिए. अगर हमारे लिए किसी चीज को देखने की आवश्यकता है, तो हम उसे देखने के लिए तैयार हैं.
यह पहली बार नहीं है जब जयशंकर ने चरमपंथी ताकतों को आश्रय देने, भारतीय राजनयिकों को धमकियों का सामना करने और भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर हमले के लिए कनाडा की आलोचना की है. उन्होंने कहा था कि भारत कनाडा में सक्रिय संगठित अपराध नेतृत्व के बारे में जानकारी भेज रहा है.
ट्रूडो ने गुरुवार को भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की वकालत करते हुए कहा कि कनाडा एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और भू-राजनीतिक क्षेत्र के लिहाज से काफी अहम है. जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं.
ट्रूडो ने भारत के खिलाफ अपने आरोप का समर्थन करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है, लेकिन रिपोर्टों में कहा गया है कि यह अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित एक खुफिया गठबंधन के बीच एक साझा जानकारी थी. भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए कनाडा पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया है.
दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कनाडा में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर ट्रूडो से चिंता व्यक्त किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था. बता दें कि भारत ने 2018 में कथित तौर पर उन्हें नौ खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी.
ट्रूडो द्वारा भारत में नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय भूमिका का आरोप लगाने के बाद तनाव गहरा गया. निज्जर भारत से कनाडा चला गया था और उसने वहां की नागरिकता ले ली थी. भारत ने कनाडा के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसके बाद विवाद बढ़ते ही दोनों देशों ने अपने-अपने एक-एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया, जिससे बड़ा संकट पैदा हो गया.
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