शिवाजी ने खत्म की गुलामी की मानसिकता…’, राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने दोहराया स्वराज-सुशासन और आत्मनिर्भरता का संकल्प

पीएम ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने स्वराज की भी स्थापना और सुराज को भी कायम किया।
Shivaji ended the mentality of slavery...', on the 350th anniversary of the coronation, PM Modi reiterated the resolution of Swaraj-good governance and self-reliance
Shivaji ended the mentality of slavery...', on the 350th anniversary of the coronation, PM Modi reiterated the resolution of Swaraj-good governance and self-reliance02/06/2023

 आज शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस नई चेतना, नई ऊर्जा लेकर आया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उस कालखंड का एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय है। राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं। मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि शिवाजी ने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा। आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के विजन में शिवाजी महाराज के विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है। सैंकड़ों वर्षों की गुलामी ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था, ऐसे समय में लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था। उस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना केवल आक्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जन मानस में ये विश्वास भी कायम किया कि स्वयं का राज संभव है।

शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने स्वराज की भी स्थापना और सुराज को भी कायम किया। वो अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी। उन्होंने राष्ट्र निर्माण का एक व्यापक विजन भी सामने रखा। उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा। उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने भारत के सामर्थ्य को पहचान कर जिस तरह से नौसेना का विस्तार किया वो आज भी हमें प्रेरणा देता है।

सरकार शिवाजी के मूल्यों को आगे बढ़ा रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले साल भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी। अंग्रेजी शासन की पहचान को हटा कर शिवाजी महाराज की राज-मुद्रा को जगह दी है। इतने वर्ष के बाद भी उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं। इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमने अमृत काल के 25 वर्षों की यात्रा पूरी करनी है। यह यात्रा होगी शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने की। यह यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्म निर्भरता की। यह यात्रा होगी विकसित भारत की।

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