
बच्चे शोर मचाने लगे। इसी बीच अजगर उनके घर से निकलकर बगल के मुर्गी फार्म के लिए रखे दाना और सामान के अंदर जाकर छिप गया। घरवालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम घंटों मशक्कत करने के बाद अजगर को रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई।
स्नेक कैचर शंकर ने बताया कि अजगर को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। उसे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा। शंकर ने बताया कि अजगर जहरीला सांप नहीं है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। ज्यादातर अजगर भोजन की तलाश में जंगल से बाहर निकलते हैं। ऐसे में छोटे जानवर और बच्चों पर खतरा बन सकते हैं।
बताया जा रहा है कि जंगल में पानी भरने के कारण अजगर को भोजन नहीं मिल पाया है। अजगर पानी से बचने और भोजन की तलाश में रिहायशी क्षेत्र में पहुंचा था। बता दें कि 5 दिन पहले एक भारी-भरकम अजगर वाल्मीकि नगर थाना के अंदर घुस घुस कर बैठ गया था। जिसे काफी मशक्कत का रेस्क्यू किया गया।
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