Pakistan Economy: कंंगाल पाकिस्तान के साथ दोस्ती तो ठीक... लेकिन खैरात नहीं देगा सऊदी अरब, आर्थिक आपदा की आहट!

Pakistan Financial Crisis : विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक शासक रियाद का दौरा करते रहेंगे और बार-बार मदद की गुहार लगाते रहेंगे। सऊदी अरब से 'ब्लैंक चेक' का न मिलना पाकिस्तानी अधिकारियों को यह संकेत दे सकता है कि यह नया सऊदी अरब कैसे फैसले लेता है।
Pakistan Economy: Friendship with poor Pakistan is fine... but Saudi Arabia will not give bailout, sound of economic disaster!
Pakistan Economy: Friendship with poor Pakistan is fine... but Saudi Arabia will not give bailout, sound of economic disaster!13/04/2023

हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान को अब सऊदी अरब से नहीं मिलेगी स्थायी मदद

  • अब बदल चुकी हैं सऊदी अरब की नीतियां, नहीं देगा खैरात

  • निवेश में लगा रहा पैसे, 'फ्री लंच' नहीं कराएंगे बिन सलमान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सबसे बड़े दानदाता सऊदी अरब ने पाक पीएम शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ को ईद की दावत दी है। यह करीबी राजनीतिक संबंधों का सुदृढीकरण हो सकता है लेकिन अर्थशास्त्री इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं। अमेरिका में रहने वाले प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आतिफ मिया ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 'मंदी की स्थिति में है और संकट से तबाही की ओर बढ़ रही है'। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बहुप्रतीक्षित आर्थिक मदद दूर-दूर तक कहीं नहीं दिख रही है और सऊदी अरब भी अब ठंडा पड़ता नजर आ रहा है।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के राज में अरब देश कह रहा है कि पिछले साल तेल के हालिया उछाल से अर्जित उसके फंड 'फ्री लंच' के लिए नहीं हैं। विश्लेषक मुशर्रफ जैदी ने पिछले हफ्ते द न्यूज इंटरनेशनल में लिखा, 'बहुत कम संभावना है कि पाकिस्तान अपने आईएमएफ कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए सऊदी अरब का समर्थन हासिल कर पाएगा। अगर ऐसा हुआ भी तो यह एक अस्थायी राहत होगी।'

खैरात देने के मूड में नहीं सऊदी

उन्होंने लिखा, 'पाकिस्तान आज या निकट भविष्य में सऊदी अरब से आर्थिक सहायता के किसी भी बड़े पैकेज को हासिल करने में सक्षम नहीं होगा क्योंकि इस तरह के समर्थन का मॉडल अब मौजूद नहीं है।' जैदी ने कहा, 'सऊदी अरब तेजी से बदल गया है और उसके शासक पाकिस्तान के लिए बहुत मजबूत भावनाएं रखते हैं। लेकिन वे पाकिस्तान के अभिजात वर्ग को उन रिश्तों को बिना शर्त खैरात में बदलने की अनुमति नहीं देंगे।'

दूर-दूर तक नहीं दिख रही मदद

कई ग्लोबल रिपोर्ट्स ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान जिस बेलआउट की उम्मीद कर रहा है, वह निकट भविष्य में कहीं दिखाई नहीं दे रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स की 3 अप्रैल की एक रिपोर्ट ने चेतावनी दी थी कि रियाद अब पाकिस्तान और ऐसे देशों को पैसे नहीं देगा, जो अपने आर्थिक बुनियादी ढांचे में सुधार करने से इनकार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया, 'किंगडम अभी भी विदेशों में पैसा भेज रहा है। लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा अब लाभ, प्रभुत्व और सऊदी धरती पर नए उद्योगों को शुरू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेश में जा रहा है।'

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