IPS रवि सिन्हा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के नए प्रमुख होंगे. वो मौजूदा RAW प्रमुख सामंत गोयल की जगह लेंगे. छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा इन दिनों RAW में ही दूसरे नंबर के अधिकारी हैं और बीते सात वर्षों से ऑपरेशनल डिविजन को लीड कर रहे हैं. बता दें कि रवि सिन्हा RAW के प्रमुख के तौर पर ऐसे समय में जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं जब सिख उग्रवाद दुनिया के कुछ हिस्सों में फिर से उबर रहा है. साथ ही बीते कुछ समय से मणिपुर में भी हिंसा की खबरें आ रही हैं. ऐसे में रवि सिन्हा को इन चुनौतियों से जल्द ही पार पाना होगा.
मौजूदा RAW प्रमुख सामंत गोयल 30 जून को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. गोयल के सेवानिवृत होने के बाद रवि सिन्हा कार्यभार संभालेंगे, उनका कार्यकाल दो साल का होगा. सिन्हा वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव हैं. वह छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों की सूक्ष्म समझ के लिए भी जाना जाता है.
ऑपरेशनल क्षमता की वजह से रवि सिन्हा का मिली यह जिम्मेदारी
RAW प्रमुख जैसे अहम पद पर रवि सिन्हा की नियुक्ति किए जाने से सरकार ने एक बार फिर रेखांकित कर दिया है कि उनके लिए खुफिया विभाग की ऑपरेशनल क्षमता कितनी अहम है. संयोगवश , R&AW के समकक्ष, इंटेलिजेंस ब्यूरो जिसे घरेलू इंटेलिजेंस का काम सौंपा गया है, का नेतृत्व भी 'ऑपरेशन' पृष्ठभूमि वाले एक अधिकारी तपन डेका द्वारा ही किया जा रहा है. तपन डेका भी रवि सिन्हा के बैचमेट हैं. तपन डेका इंटेलिजेंस प्रमुख का पद संभालने से पहले कई वर्षों तक आईबी में संचालन के प्रमुख भी रहे थे.
आधुनिक तकनीक को लागू करने के लिए जाने जाते हैं रवि सिन्हा
गौरतलब है कि रवि सिन्हा को R&AW में रहते हुए खुफिया जानकारी जुटाने के लिए आधुनिक तकनीक को लागू करने का श्रेय दिया जाता है. सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार उनकी इस खासीयत की वजह से उन्हें इंटिग्रेटेड टेक्नोलॉजी और ह्यूमन इंटेलिजेंस को साथ लेकर काम करने में मदद मिलेगी, जिससे वो आज के समय की चुनौतियों को संभाल पाएंगे.
खुफिया तंत्र में अलग है रवि सिन्हा की पहचान
एक अधिकारी ने बताया कि रवि सिन्हा, जो अपनी नौकरी के अनुरूप एक लो प्रोफाइल बने रहना पसंद करते हैं. उनकी यह विशेषता ही उन्हें दूसरे से अलग करती है. यही वजह है कि वह अपनी पेशेवर क्षमता के लिए खुफिया तंत्र की दुनिया में सबसे सम्मानित लोगों में से एक हैं. उन्होंने कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है और वो हर बार अपनी नई भूमिका में अनुभव और समझ को एक नए रूप में स्थापित करते रहे हैं. जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी चरमपंथी डोमेन के अलावा, जहां उन्होंने समय-समय पर विभिन्न बिंदुओं पर सेवा की है, उन्हें आस-पड़ोस की गतिविधियों पर पैनी नजर के लिए भी जाना जाता है.
सामंत गोयल की जगह संभालेंगे पद
पंजाब कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी सामंत कुमार गोयल एक सफल कार्यकाल के बाद 30 जून को पद छोड़ देंगे. 2001 में एजेंसी में शामिल होने वाले गोयल 2019 में एजेंसी के प्रमुख पद तक पहुंचे थे. कार्यकाल में दो विस्तार के साथ, उन्होंने चार साल के लिए R&AW का नेतृत्व किया. खास बात ये है कि गोयल को पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में भारत के
सफल हवाई हमले की योजना बनाने का श्रेय दिया जाता है।
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