माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ.. समारोह में PM मोदी भी हुए शामिल

माणिक साहा 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे. 2022 में उन्हें बिप्लव देव की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया. 70 साल के माणिक साहा पेशे से डेंटल सर्जन हैं.
Manik Saha took oath as the Chief Minister of Tripura. PM Modi also attended the ceremony.
Manik Saha took oath as the Chief Minister of Tripura. PM Modi also attended the ceremony.08/03/2023

माणिक साहा ने एक बार फिर से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ आठ और मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. पीएम के अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.

साथ ही असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की पूर्वोत्तर सफलताओं के सूत्रधार हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तमांग भी मौजूद थे. मंच पर बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब भी थे, जिन्हें पिछले साल पद से हटा दिया गया था.

पिछली सरकार के चार मंत्रियों को बरकरार रखा गया है. ये रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, शांताना चकमा और सुशांत चौधरी हैं. साथ ही बीजेपी ने मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया. ये टिंकू रॉय, और बिप्लब देब के करीबी विश्वासपात्र, भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रमुख बिकाश देबबर्मा और सुधांशु दास हैं.

भाजपा की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक मंत्री पद मिला है.आईपीएफटी से शुक्ला चरण नोआतिया ने मंत्री पद की शपथ ली.

माणिक साहा 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे. 2022 में उन्हें बिप्लव देव की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया. 2020 से 2022 तक वो त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष थे. 70 साल के माणिक साहा पेशे से डेंटल सर्जन हैं.

वहीं विपक्षी कांग्रेस और सीपीएम के नेतृत्व वाली वामपंथी पार्टियों ने समारोह का बहिष्कार किया. उन्होंने भाजपा समर्थकों द्वारा की गई हिंसा का आरोप लगाकर ये फैसला लिया.

वाम मोर्चे के एक बयान में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार और सीपीएम, सीपीआई, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के सचिवों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राज्य सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया था, लेकिन फ्रंट ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से राज्य भर में "भाजपा समर्थकों और गुंडों द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण ये फैसला किया गया है."

कांग्रेस ने भी इसी आधार पर शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. त्रिपुरा राज्य कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मंत्री बिरजीत सिन्हा ने कहा कि 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से त्रिपुरा में हिंसा की एक हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं. सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंसा की सिलसिलेवार घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए.

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