आजम खान के ठिकानों पर 48 घंटे से IT रेड:सुनार को बुलाया, प्रिंटर मंगवाया; जौहर ट्रस्ट को नोटबंदी में मिला 22 करोड़ का चंदा जांच के घेरे में

सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके करीबियों के ठिकानों पर 6 शहरों में इनकम टैक्स की रेड 48 घंटे से जारी है। कुछ जगहों से टीमों ने बैग भरकर डॉक्यूमेंट कब्जे में लिए हैं।
IT raid on Azam Khan's premises for 48 hours: Goldsmith called, printer ordered
IT raid on Azam Khan's premises for 48 hours: Goldsmith called, printer ordered15/09/2023

रामपुर में आजम खान के घर के अंदर सुनार को बुलाना पड़ा, जो संभवत: ज्वेलरी का मूल्यांकन कर रहा है। सामान की लिस्ट तैयार करने के लिए प्रिंटर भी मंगाया गया है।

रामपुर में चल रही IT रेड का एक वीडियो भी सामने आया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट इस वीडियो में आजम खान नजर आ रहे हैं। कुछ लोग बैठकर लिखा-पढ़त कर रहे हैं। इस वीडियो में आजम खान परेशान हालत में टहलते हुए नजर आए हैं। मगर ये वीडियो कब का है, IT डिपार्टमेंट के अफसर इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

गुरुवार शाम आयकर विभाग के अपर निदेशक (जांच) ध्रुव कुमार भी आजम खान के घर पहुंचे। रेड के दौरान कहां से क्या-क्या मिला? इनकम टैक्स ने अधिकृत तौर पर इसकी जानकारी नहीं दी है। मीडिया के सवालों पर ध्रुव कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि जांच अभी जारी रहेगी। ये जांच कब तक चलेगी, अभी कुछ कह नहीं सकते हैं।

40 सदस्यों की टीम कर रही छापेमारी
रामपुर के टंकी नंबर-5 इलाके में आजम के घर पर आयकर की 40 सदस्यों की टीम बुधवार सुबह से जांच कर रही है। छापेमारी करने पहुंची टीम की गाड़ियों के नंबर प्लेट लखनऊ-कानपुर और दिल्ली की है। रेड के दौरान आजम खान अपनी पत्नी और बेटों के साथ घर पर ही मौजूद हैं।

रेड के पीछे की वजह 22.22 करोड़ का चंदा?
दरअसल, रेड का यह पूरा मामला आजम खान के जौहर अली ट्रस्ट को मिले 22.22 करोड़ चंदे से जुड़ा हुआ है। साल 2016 में देश में जब नोटबंदी चल रही थी, ये उन दिनों की बात है। रामपुर के मौजूदा BJP विधायक आकाश सक्सेना का कहना है कि उनकी शिकायत पर IT रेड चल रही है। हालांकि, आयकर विभाग ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।

पहले जानते हैं, यूपी में कहां-कहां IT रेड चल रही

  • रामपुर में तीन जगह रेड हुई है। इसमें खुद आजम खान, उनके बेहद करीबी सपा विधायक नसीर खां, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम के घर आईटी छानबीन कर रही है।

  • जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े वकील सिद्दीकी लखनऊ के वजीरगंज में रहते हैं। ये पेशे से वकील भी हैं और आजम खान के कई मुकदमे भी लड़े हैं।

  • आजम खान की बहन का मकान लखनऊ के रिवर बैंक कॉलोनी में है। हालांकि ये मकान पहले से नगर निगम के द्वारा सील है, इसलिए आयकर विभाग की टीम यहां से वापस लौट गई।

  • सीतापुर जिले में एमएफ जैदी का रीजेंसी स्कूल है। गौरतलब है कि आजम खान सीतापुर की जेल में बंद रहे हैं। हो सकता है कि एमएफ जैदी उस दौरान संपर्क में आए हो।

  • सहारनपुर निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट केजी अग्रवाल पूर्व में जौहर यूनिवर्सिटी के सीए पैनल से जुड़े रहे हैं। ये केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव रहे लव अग्रवाल के पिता हैं।

  • मेरठ के भवानीनगर में पूर्व इंजीनियर जकीउर रहमान बड़े कारोबारी हैं। वे नौकरी के दौरान रामपुर जिले में तैनात रहे थे, उसी दौरान आजम खान के संपर्क में आए थे।

  • गाजियाबाद में राजनगर सेक्टर-9 में एकता कौशिक की कोठी है। एकता जौहर अली ट्रस्ट का सारा कामकाज देखती रही हैं। वे आजम खान फैमिली की बेहद करीबी हैं और उनके बेटे अदीब की बैचमेट रही हैं।

BJP विधायक बोले- मेरी शिकायत पर हो रहा एक्शन
रामपुर के BJP विधायक और आजम के धुर विरोधी माने जाने वाले आकाश सक्सेना ने इनकम टैक्स रेड की कार्रवाई की वजह बताई। उन्होंने कहा,"साल 2019 में मैंने गृह मंत्रालय को एक शिकायत भेजी थी। इस शिकायत के साथ साल 1995 से लेकर 2019 तक जौहर अली ट्रस्ट की वार्षिक बैलेंस सीट भी थी। इस सीट के अनुसार जौहर ट्रस्ट को साल 2015-16 में 2222.50 लाख रुपए का दान मिला था। अकेले एक ही व्यक्ति ने 60 करोड़ रुपए का चंदा ट्रस्ट को दिया है।"

सक्सेना ने आगे कहा, "इस दौरान उत्तर प्रदेश में सपा सरकार थी। बैलेंस सीट से स्पष्ट हो रहा था कि सपा सरकार में अवैध सोर्स के जरिए ये दान लिया गया था।" विधायक का दावा है कि मेरी इसी शिकायत के बाद इनकम टैक्स अब ये कार्रवाई कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, विधायक की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जांच का आदेश दिया था। ED ने 1 अगस्त 2019 को आजम खान के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। ईडी कई बार आजम खान से पूछताछ भी कर चुकी है।

गाजियाबाद में एकता कौशिक के यहां रेड, आजम के बेटे की बैचमेट हैं

जिन 6 शहरों में इनकम टैक्स की रेड चल रही है। उनमें एक प्रमुख नाम है एकता कौशिक का। एकता गाजियाबाद में राजनगर सेक्टर-9 की रहने वाली हैं। कहा जाता है कि एकता ने आजम के बेटे अदीब के साथ पढ़ाई की है। तभी से दोनों दोस्त हैं। इसके बाद एकता की फैमिली की आजम की फैमिली से और नजदीकियां हो गईं।

आजम खान, पत्नी और बेटे जब जेल में रहे, तब जौहर अली ट्रस्ट का सारा कामकाज एकता ने संभाला। आजम जब दिल्ली में हॉस्पिटल में भर्ती रहे, तब भी एकता कौशिक ने उनकी देखरेख की। इतना ही नहीं, मुकदमों की पैरवी में भी सहयोग किया। गाजियाबाद में जब एकता कौशिक के चाचा की मृत्यु हुई, तब आजम खान उनके घर आए थे। आजम के सहारे ही एकता की अखिलेश यादव सहित अन्य बड़े नेताओं से जान-पहचान हुई।

एकता के घर पर मिली 3 लग्जरी गाड़ियां
इनकम टैक्स को खबर मिली है कि एकता ने पिछले कुछ दिनों में तीन लग्जरी गाड़ियां खरीदी। इसमें बीएमडब्लू, मर्सिडीज और जगुआर हैं। एक जगुआर तो घर में खड़ी मिली है। हालांकि, गाड़ियां किसके नाम पर हैं, ये अभी पता नहीं चल सका है। एक गाड़ी के बारे में पता चला है कि वो किसी और के नाम पर है और हरियाणा से रजिस्टर्ड है। इनकम टैक्स की टीम ने गुरुवार को एकता कौशिक के घर से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। माना जा रहा है कि यह दस्तावेज जौहर ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं।

मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारिणीमोहम्मद आजम खानसंस्थापक, आजीवन अध्यक्षमुश्ताक अहमद सिद्दीकीउपाध्यक्षडॉ. तजीन फात्मासचिवनसीर अहमद खांस. सचिवनिकहत अफलाककोषाध्यक्षमोहम्मद अदीब आजम खानसदस्यमुनव्वर सलीमसदस्यमुहम्मद अब्दुल्ला आजम खानसदस्यसलीम कासिमसदस्य

नोट : प्रबंध कार्यकारिणी की ये सूची वर्ष 2015-16 की है। तब से यही चली आ रही है।

यूनिवर्सिटी की साढ़े 12 एकड़ छोड़, बाकी जमीन अवैध?
मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के संस्थापक स्वयं आजम खान हैं। इस ट्रस्ट का पंजीकरण साल 1995 में हुआ। साल 2005 में रामपुर जिले में ट्रस्ट के द्वारा मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की नींव रखी गई। उस वक्त उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। ये यूनिवर्सिटी 1500 बीघा जमीन पर है।
2017 में उप्र में योगी सरकार आते ही इस ट्रस्ट के बुरे दिन शुरू हो गए। योगी सरकार ने जांच बैठा दी। जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी को केवल साढ़े 12 एकड़ जमीन अधिग्रहण की अनुमति दी गई थी, लेकिन ट्रस्ट ने 173 एकड़ जमीन हथिया ली। ऐसे में अधिग्रहण अवैध माना गया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है।

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Buy Website Traffic
logo
The Public Press Journal
publicpressjournal.com