इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक ईरानी महिला के बाल काटने के दो-सेकंड के वीडियो से नाराज़गी के कारण ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है.
अख़बार लिखता है कि ईरानी विदेश मंत्री मार्च महीने की तीन और चार तारीख को रायसीना डायलॉग के लिए भारत आने वाले थे, लेकिन दो-सेकंड के एक वीडियो के कारण अब उन्होंने ये दौरा रद्द कर दिया है.
एक मिनट 50 सेकंड के इस वीडियो में एक जगह पर एक ही फ़्रेम में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की तस्वीर के साथ एक ईरानी महिला की तस्वीर दी गई है जो अपने बाल काट रही है.
भारत के विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर रायसीना डायलॉग का आयोजन ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन (ओआरएफ़) करता है. इसमें कई देशों के नेता समेत अलग-अलग मुद्दों के जानकार हिस्सा लेते हैं. इस साल ये कार्यक्रम दिल्ली में दो से लेकर चार मार्च तक होना है.
इसी कार्यक्रम को लेकर महीने भर पहले ओआरएफ़ ने सोशल मीडिया पर एक प्रोमोशनल वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में मौजूदा दौर में दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और अलग-अलग देशों के सामने खड़ी मुश्किलों का ज़िक्र है.
इसके 40वें सेकंड में एक फ़्रेम में दो तस्वीरें दिखती हैं. जहां फ़्रेम में नीचे विरोध प्रदर्शन में शामिल एक महिला अपने बाल काटती है, वहीं ऊपर के फ़्रेम में ईरान के राष्ट्रपति की तस्वीर दिखती है.
ईरान में बीते दिनों हिजाब सही तरीके से न पहनने को लेकर महसा अमीनी नाम की एक लड़की को पुलिस ने हिरासत में लिया था. बाद में इस लड़की कि हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां कई सप्ताह तक सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों के दौरान महिलाओं ने सामने आकर अपने बाल काटे थे.
सूत्रों के हवाले से अख़बार लिखता है कि इस वीडियो क्लिप से नाराज़ ईरान ने अपने दूतावास के ज़रिए ओआरएफ़ और भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और प्रदर्शनकारी के साथ एक ही फ़्रेम में राष्ट्रपति की तस्वीर दिखाने को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने इस वीडिया क्लिप को हटाने के लिए कहा जिससे आयोजकों ने इनकार कर दिया.
इसके बाद ईरानी सरकार ने आयोजकों से कहा है कि विदेश मंत्री रायसीना डायलॉग में शामिल नहीं होंगे.
ईरान के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते हैं. ईरान में हुए विरोध प्रदर्शनों पर भारत ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. बीते साल नवंबर में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल ने ईरान में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले की जांच के लिए एक फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग मिशन भेजने का प्रस्ताव पेश किया गया था.
जर्मनी और नीदरलैंड्स के लाए इस प्रस्ताव पर वोटिंग करने से 16 देशों ने इनकार कर दिया था, इनमें से भारत भी एक था. हालांकि ये प्रस्ताव 25 वोटों के साथ पास हो गया था.
ओआरएफ़ द्वारा जारी वीडियो की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक क्लिप से की गई है. ये बीते साल समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई उनकी मुलाक़ात के वक्त की क्लिप है जिसमें वो कहते हैं कि, 'ये युद्ध का दौर नहीं है.'
वीडियो में रूसी राष्ट्रपति के अलावा यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी क्लिप है.
अख़बार लिखता है कि मार्च की पहली और दूसरी तारीख़ को भारत में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक होनी है. रायसीना डायलॉग का आयोजन इस बैठक के बाद किया गया है.
ऐसे में माना जा रहा है कि कई मुल्कों के विदेश मंत्री इस कार्यक्रम के लिए भारत में रुकेंगे. जी-20 देशों के अलावा भी कई देशों के विदेश मंत्री इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचने वाले हैं.
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