Untitled Mar 08, 2023 01:58 pmMacron and Felix Tshisekedi: हमारा सम्मान करें और अपना नजरिया बदलें... मैक्रों के सामने ही इस देश के राष्ट्रपति ने फ्रांस को सुना दिया

International Relations France Macron: अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच बहस देखने को मिली है। फ्रांस के राष्ट्रपति को
International Relations France Macron
International Relations France Macron08/03/2023

हाइलाइट्स

  • फ्रांस के राष्ट्रपति और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति के बीच बहस हुई है

  • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति ने इमैनुएल मैक्रों से कहा फ्रांस को अपना नजरिया बदलना चाहिए

  • उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को अपना शाही रवैया छोड़ना चाहिए

अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दो देशों के नेताओं के बीच बहस होना आम नहीं है। लेकिन कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बहस हो गई। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसेकेदी (Felix Tshisekedi) ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान मैक्रों से कहा, 'हमारा सम्मान करें और जिस तरह से हमें देखते हैं वैसे न देखें। हमारे साथ पितृसत्तात्मक तरीके से व्यवहार न करें। फ्रैंकफ्रीक अब मौजूद नहीं है।' अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर फ्रैंकफ्रीक से मतलब फ्रांस और बेल्जियम की अफ्रीका में पूर्व कॉलोनियों से होता है।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की राजधानी किंशासा में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं के बीच तनावपूर्ण क्षण को देखा गया। दरअसल यूरोप में ब्रिटेन समेत कई देशों ने दुनिया के कई देशों को गुलाम बनाया था। अफ्रीका के कई देशों पर फ्रांस का राज था। राष्ट्रपति त्सेसेकेदी ने कहा कि फ्रांस और पश्चिमी देशों को अफ्रीका के प्रति अपना शाही रवैया छोड़ देना चाहिए। हाथों से इशारा करते हुए त्सेसीकेदी ने कहा कि, 'हमारा सम्मान करके हमें अलग तरह से देखें। हमें सच्चा साथी मानकर न कि हमेशा पितृसत्तात्मक नजर से देखें और तय करें कि हमारे लिए क्या जरूरी है।'

समानता पर आधारित पॉलिसी होनी चाहिए

राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसेकेदी ने कहा कि, 'फ्रैंकफ्रीक अब अस्तित्व में नहीं है। हमें एक ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिए जो समानता पर आधारित हो।' इसके अलावा उन्होंने फ्रांस से आग्रह किया कि देश के गोमा क्षेत्र में चल रहे हिंसक संघर्ष के लिए रवांडा पर प्रतिबंध लगाया जाए। यह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अफ्रीका के लिए नीति में बदलाव के बाद हुआ है। मैक्रों कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में किंशासा आर्थिक मंच में शामिल होने पहुंचे थे।

मैक्रों ने दिया जवाब

मैक्रों ने कहा कि फ्रांस अफ्रीका में अपने नियमित सैन्य ठिकानों को होस्ट करना बंद कर देगा और इसके बजाय एकेडमी की स्थापना की जाएगी। फेलिक्स त्सेसेकेदी के बयान पर भी राष्ट्रपति मैक्रों ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई पत्रकार कुछ लिखता या कहता है तो वह फ्रांस का बयान नहीं बन जाता। इसलिए दोनों चीजों को न मिलाएं। त्सेसेकेदी ने कहा कि मैंने अपनी बात फ्रांस के पूर्व विदेश मंत्री ले ड्रियन के बयान पर कही है।

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