"अगर वो कंप्‍यूटर न होता तो...!", CBI ने बताया- मनीष सिसोदिया के खिलाफ कैसे हाथ लगे अहम सुराग

मनीष सिसोदिया के कार्यालय से जब्त किए गए सबूतों और उनके सचिव के बयान ने सीबीआई को उन तक पहुंचा दिया. पूछताछ के दौरान सिसोदिया ने जीओएम के उक्त मसौदे की प्रति के बारे में विवरण देने से इनकार कर दिया.
"If it was not a computer...!", CBI told - how important clue was found against Manish Sisodia
"If it was not a computer...!", CBI told - how important clue was found against Manish Sisodia27/02/2023

दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने कथित आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले उनके खिलाफ सबूत और गवाह दोनों तैयार कर लिए हैं. मनीष सिसोदिया को घेरने में सीबीआई को एक कंप्‍यूटर ने मदद की. ऐसा दावा किया जा रहा है कि सिसोदिया के इस कंप्‍यूटर से मिले सुराग की वजह से ही सीबीआई ने एक पुख्‍ता केस तैयार किया. एक्साइज विभाग से 19 अगस्त की छानबीन के दौरान जब्त की गई एक डिजिटल डिवाइस की जांच करते हुए, एजेंसी ने एक्साइज पॉलिसी ड्राफ्ट दस्तावेजों में से एक को एक अलग सिस्टम में ट्रेस किया, जो एक्साइज डिपार्टमेंट नेटवर्क का हिस्सा नहीं था. आबकारी विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ के दौरान एजेंसी को सिसोदिया के कार्यालय के कंप्यूटर का सुराग मिला था. सीबीआई ने बाद में 14 जनवरी को सिसोदिया के कार्यालय से उक्त कंप्यूटर को जब्त कर लिया.

हालांकि, इस कंप्‍यूटर से अधिकांश फाइलों को हटा दिया गया था, लेकिन एजेंसी ने अपनी फोरेंसिक टीम की मदद से रिकॉर्ड को फिर से हासिल कर लिया. फोरेंसिक जांच से पता चला कि उक्त फाइल बाहरी रूप से उत्पन्न हुई थीं और व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हुई थी. सीबीआई ने तब 1996 बैच के दानिक्स अधिकारी को तलब किया, जो उक्त फाइल पर पूछताछ के लिए सिसोदिया के सचिव थे. अधिकारी ने बताया, "सिसोदिया ने मुझे अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया, जहां मार्च 2021 के मध्य में सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे और जीओएम रिपोर्ट की प्रति दी."

इस मसौदे (GoM) की प्रति में '12% लाभ मार्जिन शर्त' को शामिल किया गया था. 12% लाभ मार्जिन की शर्त पर कैसे पहुंचे, इससे संबंधित किसी भी चर्चा या किसी भी फाइल का कोई रिकॉर्ड नहीं है.  सीबीआई ने फरवरी के पहले सप्ताह में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उक्त अधिकारी का बयान दर्ज किया, ताकि उसे अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया जा सके.

सिसोदिया के कार्यालय से जब्त किए गए सबूतों और उनके सचिव के बयान ने सीबीआई को सिसोदिया तक पहुंचा दिया. पूछताछ के दौरान सिसोदिया ने जीओएम के उक्त मसौदे की प्रति के बारे में विवरण देने से इनकार कर दिया. सीबीआई का भी यही कहना है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. कई सवालों के जवाब वह नहीं दे रहे हैं.

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