कर्नाटक सीएम के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे हेमंत सोरेन:विपक्ष को एकजुट करने पर हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी की चर्चा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर्नाटक में सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने बेंगलुरु जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छह दिनों बाद गुरुवार की शाम को लौटे हैं। शनिवार को सीएम कर्नाटक के सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है। सीएम की यह यात्रा कई मायनों में अहम बताई जा रही है, दिल्ली में हेमंत सोरेन ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश से भी मुलाकात की थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी।
Hemant Soren will attend the swearing-in of Karnataka CM: Hemant Soren also discussed with senior Congress leaders on uniting the opposition
Hemant Soren will attend the swearing-in of Karnataka CM: Hemant Soren also discussed with senior Congress leaders on uniting the opposition19/05/2023

दिल्ली में हेमंत सोरेन ने की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्माणाधीन झारखंड भवन का निरीक्षण किया। धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और मंत्री आलमगीर आलम भी शपथ ग्रहण समारोह में बेंगलुरु जा रहे हैं।

विपक्षी एकता पर भी चर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान विपक्षी एकता को लेकर भी चर्चा की। ध्यान रहे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेमंत सोरेन से आकर मुलाकात की थी और विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने को लेकर चर्चा की थी। इस मुलाकात को लेकर हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि सभी को एकजुट करने में वक्त लगेगा। हेमंत सोरेन ने विपक्ष को एकजुट करने की रणनीति पर अपनी सहमति दी थी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि दोनों नेताओं के बीच विपक्षी एकजुटता पर भी चर्चा हुई है। सीएम हेमंत ने रांची में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ हुई मुलाकात का भी जिक्र किया।

कितना मजबूत जेएमएम- कांग्रेस गठबंधन
झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम का गठबंधन तमात तरह के विवाद और खींचतान के बाद भी सफलता पूर्वक चल रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करना और राज्यसभा चुनाव में झामुमो द्वारा महुआ माजी को प्रत्याशी बनाने जैसी बातों को लेकर खटास नजर भी आयी। इसके बाद भी राज्य में गठबंधन की सरकार चल रही है।

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