
राहुल गांधी के ओबीसी का मुद्दा उठाने के बाद गुजरात कांग्रेस भी सक्रिय हुई
पार्टी के विधानसभा में नेता अमित चावड़ा ने ओबीसी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा
अमित चावड़ा ने बिहार की तर्ज पर गुजरात में जातीय जनगणना की मांग उठाई
वीडियो मैसेज के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उठाई चार मांगें
कर्नाटक चुनावों में राहुल गांधी के जातीय जनगणना का मुद्दा उठाए जाने के बाद गुजरात में भी कांग्रेस ओबीसी के मुद्दे पर मुखर हो गई है। प्रदेश में पहले झवेरी कमीशन की रिपोर्ट नहीं आने के पर सरकार को घेर रही कांग्रेस अब सीधे-सीधे ओबीसी के मुद्दे को उठा रही है। अब कांग्रेस के विधायक और सदन में पार्टी के नेता अमित चावड़ा ने ओबीसी की अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए चावड़ा ने कहा है कि प्रदेश में ओबीसी की भागीदारी 52 फीसदी है लेकिन उन्हें समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। अमित चावड़ा का आरोप है कि पिछले 27 सालों में लगातार ओबीसी की स्थिति खराब हुई है। कांग्रेस ने ओबीसी का मुद्दा ऐसे वक्त पर उठाया है जब खुद बीजेपी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ओबीसी के अपमान का आरोप लगा रही है। सूरत कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी से कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करके ओबीसी का अपमान किया था। कांग्रेस नेता अमित चावड़ा भी ओबीसी समुदाय से आते हैं।
क्या है मुख्य मांगें
सामाजिक न्याय के लिए गुजरात राज्य में जाति आधारित जनगणना तुरंत करवाई जाए
ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकाय के चुनावों में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए
राज्य में ओबीसी समाज की आबादी के हिसाब से सरकार बजट का आवंटर करे
एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समाज के बोर्ड/निगम को ज्यादा बजट दे
चावड़ा ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि गुजरात में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ओबीसी के कल्याण के लिए कम बजट दिया जा रहा है। यह कुल बजट का एक फीसदी भी नहीं है। चावड़ा ने पूछा है कि स्थानीय निकाय के चुनावों के ओबीसी का आरक्षण कम क्याें है? तीसरे सवाल में चावड़ा ने मांग उठाई है कि 2011-12 में यूपीए सरकार ने पहली बार सामाजिक तौर पर 25 करोड़ परिवारों की सामाजिक तौर पर जाति आधारित गणना करवाई थी। सरकार इन आंकड़ों को सार्वजनिक करे। इसके अलावा सरकार ने जनगणना नहीं करवाई है। ऐसे में सरकार जल्द जनगणना करवाए और यह जाति आधारित होनी चाहिए।
कुछ महीनों में होने हैं चुनाव
चावड़ा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आप गुजरात और ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए आप से बड़ी अपेक्षा है। ऐसे में निम्म मांगों पर स्वीकार करें। गुजरात चुनावों में भी ओबीसी का मुद्दा काफी गरमाया था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ बीजेपी ने ओबीसी को साधने के काफी मशक्कत की थी। गुजरात के स्थानीय निकाय में अभी ओबीसी वर्ग के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित की जाती है। ऐसे में एक बार फिर से राज्य में जब 7100 ग्राम पंचायतों के साथ 75 नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं तब कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेला है। इसबार इसमें सिर्फ ओबीसी कार्ड ही नहीं बल्कि बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना की मांग भी शामिल है।
The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.
happy to Help 9920654232@upi