Gender Pay Gap: 80% कंपनियों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को मिलती है अधिक सैलरी, रिपोर्ट में खुलासा

UK News: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो लिंगों के बीच बढ़ती वेतन असमानता के कारण दुनिया भर में एक पुरुष द्वारा कमाए जाने वाले प्रत्येक डॉलर के मुकाबले एक महिला केवल 77 सेंट कमाती है.
Gender Pay Gap: Men get more salary than women in 80% of the companies, revealed in the report
Gender Pay Gap: Men get more salary than women in 80% of the companies, revealed in the report06/04/2023

Gender Pay Gap In UK: फाइनेंशियल टाइम्स के एक विश्लेषण से पता चला है कि यूके में लगभग 80 प्रतिशत नियोक्ता (Employers) अपने संगठन में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक भुगतान करते हैं. इसमें कहा गया है कि महिला-पुरुष वेतन में अंतर पिछले 6 वर्षों में बढ़ा है.

प्रकाशन ने कहा, ‘आंकड़ों से पता चलता है कि 79.5 प्रतिशत नियोक्ताओं द्वारा दिए जा रहे वेतन में लैंगिक अंतर था, जो 2022-23 में पुरुषों के पक्ष में था, जो इससे पहले दो बार (पिछले साल और छह साल पहले) एकत्र किए गए आंकड़ों से अधिक है.’

2022-23 में पुरुषों और महिलाओं के वेतन के बीच औसत अंतर 12.2 प्रतिशत था, जो 2017-18 में दर्ज 11.9 प्रतिशत से अधिक था.

बनी हुई है असमानता
विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी असमानता बनी हुई है. पिछले साल परिवहन सेक्टर और प्रशासन में वेतन अंतर बढ़ गया और शैक्षिक सेटअप में नियोक्ताओं के बीच यह सबसे अधिक रहा. इस क्षेत्र में औसत वेतन अंतर 23.2 प्रतिशत तक पहुंच गया.

लॉयड्स ने निष्कर्षों को युक्तिसंगत बनाने का प्रयास करते हुए कहा, ‘जूनियर भूमिकाओं में तुलनात्मक रूप से अधिक महिलाएं हैं, और उच्च वेतन वाली नेतृत्व भूमिकाओं में अधिक पुरुष हैं…यह समग्र वेतन अंतर का मुख्य स्रोत है, क्योंकि वरिष्ठ महिलाओं की कम संख्या इन सहयोगियों के औसत वेतन को कम करती है.’

क्या कहती है यूएन रिपोर्ट्स?
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो लिंगों के बीच बढ़ती वेतन असमानता के कारण दुनिया भर में एक पुरुष द्वारा कमाए जाने वाले प्रत्येक डॉलर के मुकाबले एक महिला केवल 77 सेंट कमाती है.

निष्पक्ष-वेतन प्रचारकों और व्यापारिक समूहों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, वेतन असमानता के आंकड़े बताते हैं कि महिला-पुरुष के समान वेतन का लक्ष्य बहुत दूर है. संगठन भले ही कार्यस्थल में लैंगिक समानता के लिए संघर्ष कर रहे हों, लेकिन जब लैंगिक वेतन अंतर पर कार्रवाई करने की बात आती है तो उन्होंने पर्याप्त कोशिश नहीं होती है.

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