
डॉक्टर जयशंकर ने बूजी सेतु का भी वर्जुअल माध्यम से उद्घाटन किया। यह पुल एक सौ 32 किलोमीटर लंबे टीका बूजी-नोवा-सोफाला रोड परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा यह सेतु भारत और मोजांबीक की एकजुटता और मैत्री का उदाहरण है। मोजांबीक में भारतीय उच्चा आयोग ने एक ट्वीट में बताया कि इस पूल से मोजांबीक में कई लोगों के जीवन में बदलाव आएगा।
विदेश मंत्री ने मोजाम्बिक के परिवहन और संचार मंत्री और , मोजाम्बिक बंदरगाह और रेल प्राधिकरण के अध्यक्ष माटेउस मागाला के साथ भी बातचीत की। उन्होंने ट्रेन नेटवर्क, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और जलमार्ग संपर्क के विस्तार पर बात की। डॉ जयशंकर ने कहा, भारत इस संबंध में एक विश्वसनीय भागीदार है। उन्होंने श्री मगाला के साथ मापुटो से माचावा तक मेड इन इंडिया ट्रेन में सवारी की। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस राइट्स के अध्यक्ष और प्रबंधर महानिदेशक राहुल मित्तल उनके साथ यात्रा में शामिल हुए।
डॉ. जयशंकर ने मापुटो में श्री विश्वंभर महादेव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। विदेश मंत्री ने मापुटो में उच्चायुक्त द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में समुदायिक प्रतिनिधियों और भारत के मित्रों से मुलाकात की। अपने संबोधन में, उन्होंने समय पर परखे हुये और ऐतिहासिक संबंधों के विस्तार के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, भारत और मोजाम्बिक अपने संबधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं। डॉ. जयशंकर ने कहा कि आज भारत केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए बोलता है। उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत में परिवर्तनकारी बदलाव हो रहे हैं जो हमें एक अलग रास्ते पर ला रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कंपाला सिद्धांतों का पालन करते रहेंगे और वृद्धि और विकास की खोज में हमारे भागीदारों की प्राथमिकताओं और हितों को ध्यान में रखेगा । उन्होंने विदेशों में राष्ट्र की छवि को आकार देने के लिए भारतीय समुदाय को धन्यवाद दिया।
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