प्रयागराज में बड़ी आबादी पर बाढ़ का खतरा और गहराया, गंगा-यमुना में आ रहा 26 लाख क्यूसेक पानी

एमपी राजस्थान हरियाणा दिल्ली एनसीआर से आ रहे पानी से यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इन राज्यों में बांधों व बैराजों से लगभग 20.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। संगम नगरी में गंगा और यमुना खतरे का निशान पार कर सकती हैैं।
Flood threat deepens on large population in Prayagraj, 26 lakh cusecs of water coming in Ganga-Yamuna
Flood threat deepens on large population in Prayagraj, 26 lakh cusecs of water coming in Ganga-Yamuna10/07/2023

गंगा में उफान की खास बातें

-09 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी से तथा साढ़े सात लाख क्यूसेक केन व बेतवा आ रहा पानी

-02 दर्जन मोहल्ले तथा 100 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिरे, शहर में बने 15 राहत शिविर

-मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और उत्तराखंड से आ रहा पानी

-प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मजिस्ट्रेट तैनात, नावें और स्टीमर भी लगीं

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर से आ रहे पानी से यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इन राज्यों में स्थित बांधों व बैराजों से लगभग 20.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो यमुना में आ रहा है। इसी तरह उत्तराखंड से विभिन्न बांधों व बैराजों से छह लाख क्यूसेक पानी गंगा में आ रहा है। इससे संगम नगरी में गंगा और यमुना खतरे का निशान पार कर सकती हैैं। इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। शहर के बंधों व तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। नदियों के किनारे 15 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील कर दिए गए हैैं। तटीय इलाकों में 98 बाढ़ राहत चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैैं, जहां नाव व कुछ स्थानों पर स्टीमर भी लगा दी गई हैैं।

सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक केन नदी से 3.5 लाख क्यूसेक, बेतवा से माताटीला बांध के जरिए चार लाख क्यूसेक, चंबल नदी का पानी धौलपुर बांध से नौ लाख क्यूसेक तथा यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी का असर बुधवार से प्रयागराज में व्यापक तौर पर दिखाई पडऩे लगा है। इसके कारण ही यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। उधर, उत्तराखंड में हो रही तेज वर्षा के चलते हरिद्वार व कानपुर बैराज से तथा नरोरा बांध से लगभग छह लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। इससे दोनों नदियां उफान पर हैैं।

बुधवार शाम गंगा का जल स्तर 83 मीटर तथा यमुना का जल स्तर 82.87 मीटर रिकार्ड किया गया। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर सकती हैैं। तटीय क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविर में ले आने की कोशिश शुरू हो गई है।

बाढ़ के पानी से घिरे ये मोहल्ले, दो लाख की आबादी चपेट में

शहर के नेवादा, राजापुर, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, चांदपुर, सलोरी, कैलाशपुरी, ढरहरिया, छोटा बघाड़ा, गोविंदपुर, बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, दारागंज, ककरहा घाट, सदियापुर, बक्शी मोढ़ा, करैलाबाग आदि मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। दारागंज, छोटा बघाड़ा, नेवादा, गंगा नगर में तो घरों में भी पानी घुसने लगा है। इसी तरह गंगा और यमुना के किनारे बसे लगभग 100 गांव भी बाढ़ की चपेट में हैैं। लगभग दो लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ चुकी है।

डीएम का यह है कहना

बाढ़ के खतरे को लेकर तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए नावें व स्टीमर लगा दी गई हैैं। मजिस्ट्रेट भी स्टाफ के साथ तैनात किए गए हैैं। बाढ़ राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया गया है। वहां रुकने और भोजन की व्यवस्था हो गई है।

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