राजकोषीय घाटा जनवरी अंत तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य के 67.8 प्रतिशत पर पहुंचा

चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में नेट टैक्स क्लेक्शन 16,88,710 करोड़ रुपये रहा है. यह 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान का 80.9 प्रतिशत है.
Fiscal deficit reached 67.8 percent of the target for the entire financial year by the end of January
Fiscal deficit reached 67.8 percent of the target for the entire financial year by the end of January28/02/2023

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit ​)जनवरी के अंत तक पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य के 67.8 प्रतिशत पर पहुंच गया है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक मूल्य में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जनवरी की अवधि में राजकोषीय घाटा 11.9 लाख करोड़ रुपये रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में राजकोषीय घाटा उस साल के बजट (Budget) के संशोधित अनुमान का 58.9 प्रतिशत रहा था. पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 17.55 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.4 प्रतिशत है.

आपको बता दें कि खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है. सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में नेट टैक्स क्लेक्शन 16,88,710 करोड़ रुपये रहा है. यह 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान का 80.9 प्रतिशत है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में नेट टैक्स क्लेक्शन 2021-22 के संशोधित अनुमान का 87.7 प्रतिशत रहा था. इस दौरान सरकार का कुल खर्च 31.67 लाख करोड़ रुपये या 2022-23 के संशोधित अनुमान का 75.7 प्रतिशत रहा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने एक फरवरी को लोकसभा में पेश बजट में 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 प्रतिशत रखा है. चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है.

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Buy Website Traffic
logo
The Public Press Journal
publicpressjournal.com