गाजियाबाद में मकान में बने टेंट हाउस में लगी आग, मां बेटी की मौत

गाजियाबाद में मकान में बने टेंट हाउस में लगी आग, मां बेटी की मौत
Fire broke out in a tent house in Ghaziabad, mother and daughter died
Fire broke out in a tent house in Ghaziabad, mother and daughter died12/06/2023

 गाजियाबाद में सोमवार लोनी बॉर्डर इलाके में अचानक एक घर में आग लग गई। इस घर में टेंट हाउस का भी काम होता था। ग्राउंड फ्लोर पर लगी आग फस्र्ट फ्लोर तक पहुंच गई। जिसके बाद हादसे में मां-बेटी की मौत हो गई और 9 लोगों को दीवार तोड़कर रेस्क्यू किया गया।

तीन मंजिला मकान में नीचे टेंट हाउस था। सबसे पहले उसी में आग लगी। कुछ ही मिनट में आग फस्र्ट फ्लोर तक पहुंच गई। जब आग लगी उस वक्त पूरा परिवार सो रहा था।

हादसा लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र की लाल बाग कॉलोनी में हुआ। यहां टेंट व्यवसायी सतीश का ग्राउंड फ्लोर पर टेंट हाउस है। इसके ऊपर 3 फ्लोर पर घर बना है।

सोमवार सुबह करीब 5.30 बजे ग्राउंड फ्लोर में बने टेंट हाउस में आग लग गई। जब आग फस्र्ट और सेकेंड फ्लोर पर पहुंच गई, तब परिवार के लोगो की नींद खुली। लेकिन तब तक आग फैल चुकी थी। परिवार ने जब बाहर निकलने का रास्ता देखा तो मकान के बाहर निकलने के गेट पर आग की लपटें थी। खिड़कियां भी आग में घिर चुकी थीं, इसलिए वहां से भी कूदने का रास्ता नहीं था।

मकान सर्च किया तो दोनों महिलाएं बेसुध मिलीं। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर बिग्रेड को सूचना दी। ट्रोनिका सिटी और साहिबाबाद से 3 दमकल गाड़ियां पहुंची।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राहुल पाल ने बताया, सोमवार सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर फायर स्टेशन को आग की सूचना मिली। टेंट हाउस के ऊपर मकान में 8 लोग थे, जिन्हें साइड की दीवार तोड़कर फायर फाइटर्स ने रेस्क्यू किया। जब फायर फाइटर्स ने मकान को सर्च किया तो उसमें पहली और दूसरी मंजिल पर एक-एक महिला बेसुध हालत में मिलीं। इसमें एक सतीश की बहन ममता (42) और दूसरी मां भरतो देवी (74) थीं। दोनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। ममता का शव मामूली रूप से झुलसा हुआ था। ऐसे में अनुमान है कि दोनों की मौत आग के धुएं में दम घुटने से हुई।

सीएफओ ने बताया कि शुरूआती जांच से ऐसा लगता है कि टेंट हाउस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। टेंट हाउस में गद्दे व अन्य सामान रखे थे। इससे आग तेजी से फैलती चली गई। ग्राउंड फ्लोर पर कोई मौजूद नहीं था। ऐसे में परिवार को आग की जानकारी तब हुई जब तपिश और लपटें पहली फ्लोर तक पहुंची। ऐसे में बाहर निकलने का रास्ता भी बंद हो चुका था।

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