समाज का एक वर्ग भाजपा को हराना चाहता था
गठबंधन करने पर हरियाणा की सीटें 10 से 11 तो हो नहीं सकती और इसके तहत 2 से 3 सीटें किसी को देनी पड़े। जजपा के पास वोट ही नहीं है। उसे जो वोट मिला था, वो दो तरह का था। समाज का एक वर्ग जो भाजपा को चुनाव में हराना चाहता था।
उनका यह भी मत था कि 6 फीट से ऊपर का जवान है, उसमें हराने की क्षमता ज्यादा हो। इसलिए वे ओमप्रकाश की चौटाला की पार्टी को छोड़कर लंबे जवान के साथ लग गए। वह वोट नहीं था। आज उनके पास ही वोट नहीं है, वो भाजपा को क्या दिलवाएंगे।
बीरेंद्र सिंह की फ्रस्टेशन दिखती है
बीरेंद्र सिंह के बयान पर दिग्विजय चौटाला ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता पार्टी लाइन से हटकर अपनी पार्टी पर ही सवाल उठाता है तो यह उनकी फ्रस्टेशन को दर्शाता है। बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन मजबूत है और यह जारी रहेगा।
बता दें कि चौधरी बीरेंद्र सिंह का परिवार भाजपा और जजपा गठबंधन को तोड़ने के पक्ष में है। हाल ही में बरवाना में हुई भाजपा की रैली में भी मंच से जजपा से छुटकारा पाने की पार्टी को सलाह दी थी।
उचाना सीट को लेकर दोनों के बीच बयानबाजी हो चुकी है। दोनों ही परिवार इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे। अभी तक पांच बार दोनों परिवार चुनावी मैदान में एक दूसरे के सामने ताल ठोंक चुके हैं। जिसमें तीन बार बीरेंद्र सिंह का परिवार व दो बार चौटाला परिवार चुनाव जीता है।
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