
ED Raids: महाराष्ट्र की सियासत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नाम से ही हड़कंप मच जाता है. बीते कुछ सालों में एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के कई नेताओं पर ईडी का शिकंजा लगातार कसा है. इस बीच ईडी ने बुधवार (21 जून) को एक बड़ी कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि मुंबई में कई ठिकानों पर ED ने छापेमारी की है. ये छापेमारी उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण के अलावा संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर के यहां होने की जानकारी सामने आई है.
हालांकि, ED की ओर से अभी नामों की पुष्टि नहीं की गई है. कोविड के दौरान लाईफलाईन कंपनी के अन्तर्गत कथित घोटाले के संदर्भ में ED ने मामला दर्ज किया था. आदित्य और राउत के 10 ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है. मुंबई, पुणे सहित कई शहरों में रेड जारी है.
किस घोटाले के हैं आरोप?
कोरोना काल के दौरान मुंबई में कई कोविड सेंटर बनाए गए थे. ऐसा ही एक कोविड सेंटर मुंबई के दहिसर में स्थापित किया गया था. आरोप है कि संजय राउत के बेहद करीबी बिजनेसमैन सुजीत पाटकर ने ये कोविड सेंटर बनाया था. इसके लिए सुजीत पाटकर ने रातोंरात एक कंपनी बनाई. जिसे नाम लाइफ़लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस नाम दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, ये कोविड सेंटर 242 ऑक्सीजन बेड वाला था. वहीं, 120 और रेगुलर बेड दहिसर सेंटर में थे. सुजीत पाटकर को इसका कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इसे चलाने के लिए जून 2020 में डॉक्टर से करार किया गया और बीएमसी ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया. बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उनके घर पर छापे के दौरान एक कागज मिला था.
इसी के आधार पर एक आरोप ये है कि अनुबंध प्राप्त करने और अपनी कंपनी के खाते में 32 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लगभग एक साल बाद कोविड क्षेत्र के अस्पतालों के प्रबंधन के लिए बीएमसी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
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