BYJU’s के घर और ऑफिस पर ईडी की रेड, बरामद हुए जरूरी डॉक्युमेंट

कंपनी ने कहा कि हम अधिकारियों के साथ पूरी तरह से पारदर्शी रहे हैं और उनका हमेशा सहयोग किया है. हमें अपने संचालन की अखंडता पर पूरा भरोसा है.
ED raids BYJU's house and office, important documents recovered
ED raids BYJU's house and office, important documents recovered29/04/2023

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को विदेशी मुद्रा के कथित उल्लंघन को लेकर एडटेक स्टार्टअप बायजू से जुड़े सभी परिसरों की छापेमारी की. इसके बाद ईडी की इस छापेमारी पर बायजू ने अपने बयान में कहा कि ईडी के अधिकारियों ने जो हमारे परिसरों की तलाशी ली है, वह एक रूटीन इंक्वायरी है. कंपनी ने कहा कि हम अधिकारियों के साथ पूरी तरह से पारदर्शी रहे हैं और उनका पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. हमें अपने संचालन की अखंडता पर पूरा भरोसा है और हम अनुपालन और नैतिकता के हाई स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बायजू का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे कि उनके पास आवश्यक सभी जानकारी है, और हमें विश्वास है कि इस मामले को समय पर और सेटिस्फेक्ट्री तरीके से हल किया जाएगा.

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत संस्थापक बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़े तीन परिसरों दो आधिकारिक और एक आवासीय परिसर की तलाशी ली गई. ईडी का कहना है कि कंपनी 22 अरब डॉलर में भारत का सबसे वैल्युएबल स्टार्टअप, ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म बायजू चलाती है, और टाइगर ग्लोबल, सिकोइया कैपिटल, जनरल अटलांटिक, प्रॉसस, ब्लैकरॉक और टेनसेंट सहित कई मार्की निवेशकों को इसके समर्थक के रूप में गिनाती है.

आपत्तिजनक दस्तावेज डिजिटल डेटा जब्त

एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल/ऑफिशियल डेटा जब्त किए गए हैं. फेमा की तलाशी से यह भी पता चला है कि कंपनी को कथित तौर पर 2011 से 2023 की अवधि के दौरान 28,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ. कंपनी ने विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च के नाम पर लगभग 944 करोड़ रुपए बुक किए हैं, जिसमें विदेशी अधिकार क्षेत्र में भेजी गई राशि भी शामिल है.

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कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से अपने वित्तीय डिटेल तैयार नहीं की हैं और न ही खातों का ऑडिट कराया है जो कि अनिवार्य है. इसलिए कंपनी द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों की वास्तविकता की बैंकों से जांच की जा रही है. विभिन्न निजी व्यक्तियों से प्राप्त विभिन्न शिकायतों के आधार पर कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की गई थी.

बायजू की बढ़ने लगी मुश्किलें

बता दें कि बायजू की मुश्किलें तब सामने आने लगीं जब 2020-21 के ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में देरी हुई. कंपनी ने अपने ऑडिट रिजल्ट्स को 18 महीने की देरी से दायर किया और इसके राजस्व मान्यता के तरीकों में बड़े बदलाव किए. कंपनी को 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अपने रिजल्ट को सार्वजनिक करना बाकी है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इनकम दर्ज करने में देरी ने भी Byju’s को अपने 1.2 अरब डॉलर के सावधि ऋण B (TLB) पर ब्याज दर बढ़ाने की पेशकश करने के लिए प्रेरित किया.

बायजू के ऋणदाताओं ने 1.2 अरब डॉलर के ऋण के पुनर्गठन के लिए पूर्व शर्त के रूप में अधिक ब्याज दर के अलावा 200 मिलियन डॉलर का प्रीपेमेंट मांगा है.FY-2021 के दौरान, Byjus कथित चोरी को लेकर माल और सेवा कर खुफिया महानिदेशालय के जांच के दायरे में आ गया था, लेकिन कंपनी द्वारा अपनी देनदारियों का भुगतान करने के लिए सहमत होने के बाद मामला सुलझा लिया गया था.

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