विवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि NDA की पिछली बैठक में शामिल होने वाले 38 दलों में से चार विपक्षी गठबंधन के संपर्क में हैं। जल्द ही वे I.N.D.I.A के साथ जुड़ जाएंगे।
इस दौरान जब आलोक से पूछा गया कि क्या कांग्रेस महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का नेतृत्व करेगी? जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि नेतृत्व कौन करेगा। अहम बात यह है कि नेतृत्व हम सब मिलकर करेंगे।
राहुल के अमेठी से लड़ने के सवाल पर क्या कहा?
कांग्रेस स्पीकर से पत्रकारों ने पूछा कि क्या राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? उन्होंने जवाब में कहा कि अमेठी से गांधी परिवार चुनाव लड़ता रहा है। कांग्रेस का वहां के लोगों से परिवार जैसा रिश्ता है। अमेठी के लोग चाहते हैं कि वहां से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़े। हालांकि, वह कौन होगा, इसका फैसला राहुल गांधी और परिवार करेगा। इस बारे में अभी कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
नीतीश कुमार बोले- बैठक में सीट शेयरिंग पर बात होगी
उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया है कि मुंबई में कुछ और पार्टियां I.N.D.I.A में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, नीतीश ने अभी तक पार्टियों के नाम का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने यह जरूर बताया कि मुंबई की बैठक का मुद्दा क्या होगा।
नीतीश के मुताबिक, बैठक में गंठबंधन में शामिल पार्टियों में सीटों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही गठबंधन की आगे की रणनीति पर भी बात होगी। नीतीश कुमार ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए ये बाते कहीं।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को साथ लाना चाहता हूं। इसके लिए मैं लगातार काम कर रहा हूं। नीतीश कुमार ने यह भी दोहराया कि वो अपने लिए कुछ नहीं चाहते।
विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक मंगलवार को बेंगलुरु में हुई। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए हैं। बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA तय किया गया है। INDIA यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस।
18 जुलाई को दिल्ली के अशोका होटल में NDA की बैठक में छोटी-बड़ी 38 पार्टियां शामिल हुईं। इनमें से 25 पार्टियां ऐसी हैं, जिनके पास लोकसभा में कोई सीट नहीं है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने कांग्रेस को बुरी तरह हराकर बहुमत हासिल किया। BJP का अगला शिकार क्षेत्रीय पार्टियां बनने लगीं। लेकिन अब 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी को बिना सांसदों वाली पार्टियों की जरूरत क्यों पड़ गई।
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