Civil Services Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि पहले सोच थी ‘सरकार सब कुछ करेगी’ और अब सोच है ‘सरकार सबके लिए करेगी’! पीएम मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सेवकों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए ‘प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022’ दिया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल का ‘सिविल सर्विस डे’ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है।
पीएम ने कहा कि मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है। हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।
देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आए हैं और अब आजादी के इस अमृतकाल में उन युवा अधिकारियों की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं।
पिछले 9 वर्षों में भारत आज जहां पहुंचा है, उसने हमारे देश को बहुत ऊंची छलांग के लिए तैयार कर दिया है। देश में ब्यूरोक्रेसी वही है, अधिकारी-कर्मचारी वही हैं लेकिन परिणाम बदल गए हैं। पिछले 9 वर्षों में भारत अगर विश्व पटल पर एक विशिष्ट भूमिका में आया है तो इसमें आपका सहयोग भी रहा
पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट में भारत नंबर वन है। भारत उन देशों में से एक है जहां मोबाइल डेटा सबसे सस्ता है। आज देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने ‘पंच प्राणों’ का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो… इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।
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