गुवाहाटी:
भारत में रविवार को हुई जी20 की गोपनीय बैठक में चीन शामिल नहीं हुआ. यह बैठक सप्ताहांत में अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आयोजित की गई थी, जो एक पूर्वोत्तर राज्य है. इसके बारे में चीन का दावा है कि वह तिब्बत का हिस्सा है. भारत हमेशा चीन के इस तरह के दावों को खारिज करता रहा है. अरुणाचल, भारत का अभिन्न अंग है. सितंबर में दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से पहले देश भर में नियोजित दर्जनों कार्यक्रमों में से कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि चीन ने बैठक को लेकर आधिकारिक रूप से भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है या नहीं. रविवार की बैठक पर न तो विदेश मंत्रालय ने और न ही चीन ने कुछ कहा है.
सप्ताहांत की बैठकों को गोपनीय घोषित किया गया और मीडिया कवरेज की अनुमति नहीं थी. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 'रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव, गैदरिंग' विषय पर आयोजित इस बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा और एक मठ का भी दौरा किया. उनके आगमन पर, हवाई अड्डे पर सांस्कृतिक मंडलियों द्वारा उनका स्वागत किया गया.
जी20 बैठक में भाग लेने के लिए 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शनिवार को अरुणाचल प्रदेश पहुंचे. होल्लोंगी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, वे ईटानगर पहुंचे, जहां उन्होंने एक प्रदर्शनी देखी, जिसमें राज्य के नवोदित नवप्रवर्तकों के नवाचारों तथा विभिन्न जनजातीय कलाओं व संस्कृतियों को प्रदर्शित किया गया था. एक बैठक में भाग लेने के बाद, प्रतिनिधि थुप्टेन गटसेलिंग मठ पहुंचे. मठ में एक सांस्कृतिक संगीत प्रस्तुति का आनंद लेने के बाद प्रतिनिधि जवाहरलाल नेहरू राज्य संग्रहालय पहुंचे, जहां उन्हें पूर्वोत्तर राज्य के इतिहास व समृद्ध संस्कृति के बारे में जानकारी दी गई. शाम को, प्रतिनिधियों ने राज्य विधानसभा में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा. इन प्रतिनिधियों में जी20 सदस्य देशों के अलावा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
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