आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद आंध्र प्रदेश में हालात तनावपूर्ण हैं। बवाल या फिर किसी भी आपातकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को सड़कों पर उतारा गया है।ताजा जानकारी के अनुसार, चंद्रबाबू नायडू को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इस दौरान राजमुंदरी सेंट्रल जेल में उनकी पहचान कैदी नबंर 7691 है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सेंट्रल जेल में 73 साल के चंद्रबाबू नायडू को स्नेहा ब्लॉक के स्पेशल कमरे में रखा गया है। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उन्हें स्पेशल कमरा सुरक्षा को मद्देनजर दिया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आंध्र प्रदेश पुलिस ने जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण और उनके वरिष्ठ नेता नादेंडला मनोहर को एनटीआर जिले में हिरासत में ले लिया है। आंध्र पुलिस ने बताया है कि दोनों नेताओं को विजयवाड़ा शिफ्ट किया गया है। हालांकि अभी तक उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। बताया गया है कि कल्याण ने शनिवार को नंदयाला में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की निंदा की और पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने के लिए विजयवाड़ा की ओर जाने का प्रयास किया।
हालांकि, पुलिस हैदराबाद से विजयवाड़ा के लिए उड़ान भरने से पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया था। इसके बाद कल्याण ने सड़क मार्ग से जाने की कोशिश की। बताया गया है कि शनिवार को उनके काफिले को एनटीआर जिले में दो बार रोका गया, जिसके बाद कल्याण अपने वाहन से उतरे और विजयवाड़ा में मंगलागिरी की ओर चलने लगे।
पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस के साथ हुई खींचतान के बाद कल्याण अनुमंचीपल्ली में सड़क पर लेट गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। नंदीगामा उपमंडल पुलिस अधिकारी जनार्दन नायडू ने कहा कि हमने पवन कल्याण और मनोहर को एहतियातन हिरासत में ले लिया है। उन्हें विजयवाड़ा में रखा गया है। उन्होंने कहा कि दोनों को न्यायाधीश के सामने पेश नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह सिर्फ एहतियाती हिरासत है।
उधर, तेलुगु देशम पार्टी ने सरकारी धन के दुरुपयोग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में आज यानी सोमवार को आंध्र प्रदेश बंद का आह्वान किया है। पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) ने राज्य बंद के आह्वान को अपना समर्थन दिया है। बता दें कि आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में शनिवार को गिरफ्तारी के बाद रविवार को चंद्रबाबू नायडू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एक बयान में, टीडीपी एपी अध्यक्ष के अत्चन्नायडू ने पार्टी कैडर, लोगों और नागरिक समाज से आंदोलन में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की है।
विजयवाड़ा की एक स्थानीय कोर्ट ने कथित करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आंध्र प्रदेश सीआईडी प्रमुख एन संजय ने शनिवार को कहा कि उन्हें कौशल विकास निगम से धन के दुरुपयोग से जुड़े धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिससे राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
जेएसपी प्रमुख पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पर असामाजिक गतिविधियों का सहारा लेने का आरोप लगाया। इसने आगे आरोप लगाया कि राज्य में वाईएसआरसीपी सरकार विपक्षी दलों को परेशान कर रही है। एक बयान में कल्याण ने जेएसपी कार्यकर्ताओं से बंद में शांतिपूर्वक भाग लेने का भी आग्रह किया।
चंद्रबाबू नायडू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद राजमुंदरी सेंट्रल जेल ले जाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री की रिमांड से पहले जेल में भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है।
बड़ी संख्या में टीडीपी कार्यकर्ता विजयवाड़ा कोर्ट परिसर में एकत्र हुए, जबकि पुलिस अधिकारी टीडीपी प्रमुख को केंद्रीय जेल ले गए। राजमुंदरी पुलिस ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर की सीमा में धारा 144 लागू कर दी है।
नायडू को विजयवाड़ा की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
एक पखवाड़े तक जेल में रहने के दौरान टीडीपी प्रमुख को अदालत की ओर से दी गई सुविधाओं में घर का बना खाना, दवा और एक विशेष कमरा शामिल था।
इससे पहले विशाखापत्तनम में टीडीपी समर्थक अपने नेता की गिरफ्तारी के बाद टूट पड़े और भूख हड़ताल पर बैठ गए
सीआईडी ने कहा है कि चंद्रबाबू नायडू पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे। नायडू को नांदयाल से विजयवाड़ा ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की थी।
सीआईडी के अनुसार, जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं, जैसे कि निजी संस्थाओं की ओर से किसी भी खर्च से पहले, तत्कालीन राज्य सरकार ने ₹371 करोड़ की अग्रिम राशि दे दी। सीआईडी अधिकारियों ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई अधिकांश धनराशि कथित तौर पर फर्जी चालानों से शेल कंपनियों को भेजी गई थी।
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