
नूहं हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए गोरक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी को कोर्ट से जमानत मिल गई है। बिट्टू बजरंगी की जमानत याचिका पर 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार को नूहं की कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल की कोर्ट में सुनवाई हुई। उनके वकीलों ने कोर्ट में दलील की कि ये मामला बाद में बनाया गया है, क्योंकि एफआईआर हिंसा से 15 दिन बाद दर्ज हुई थी और बिट्टू बजरंगी को उनके घर के पास से गिरफ्तार किया गया था।
अधिवक्ता एलएन पराशर तथा सोमदत्त शर्मा ने बिट्टू बजरंगी की ओर से जमानत याचिका मंगलवार को लगाई थी, जिस पर बुधवार को बहस हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना, जिसमें पुलिस के जाँच अधिकारी और सरकारी वकील ने बिट्टू बजरंगी को जमानत देने का विरोध किया। हालाँकि, कोर्ट ने बिट्टू के वकील एलएन पराशर की दलील सुनने के बाद उनकी आपत्तियों को खारिज कर जमानत दे दी।
फिलहाल, बिट्टू बजरंगी फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका पर बहस करने वाले बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद बिट्टू को जेल से निकालने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बता दें कि फरीदाबाद और नूहं की पुलिस ने बिट्टू बजरंगी को दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया था। फरीदाबाद पुलिस ने उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्हें गिरफ्तार किया था, तो नूहं पुलिस ने एएसपी से झड़प के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह ने बताया था कि बजरंगी पर हथियार छीनने और पुलिस से झड़प का मामला दर्ज है।
गौरतलब है कि नूहं पुलिस ने 15 अगस्त 2023 को फरीदाबाद स्थित घर से बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई नूहं जिले की एएसपी उषा कुंडू की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई थी। एफआईआर में कुंडू ने कहा था कि 31 जुलाई 2023 को 15 से 20 व्यक्तियों का एक समूह नल्हड़ मंदिर की ओर जा रहा था।
इस समूह के लोगों में से कुछ के हाथ में तलवारें और त्रिशूल जैसे हथियार थे। इनसे पुलिसकर्मियों ने हथियार लेने की कोशिश की तो वे नारेबाजी करने लगे और हाथापाई पर उतर आए। हालाँकि, इनसे हथियार लेने में पुलिस कामयाब रही, लेकिन बाद में बिट्टू बजरंगी और उसके साथी सरकारी गाड़ी से फिर हथियार छीनकर ले गए।
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